चाय भी 90 पैसे में नहीं आती पर हमने गरीबों का बीमा 90 पैसे में कराया- मोदी

मस्कट, खाड़ी देशों की अपनी यात्रा में ओमान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हमने 90 पैसे और एक रुपये में गरीबों का बीमा कराया गया है। मोदी ने कहा कि मैं चायवाला हूं, जानता हूं कि 90 पैसे में तो चाय भी नहीं आती। पीएम ने इस बार बजट में पेश हेल्थ बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि मीडिया ने इसे मोदी केयर का नाम दिया है। प्रधानमंत्री ने ओमान की राजधानी मस्कट के सुल्तान कबूस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। मोदी ने ओमान और भारत के बीच हजारों साल पुराने रिश्ते को रेखांकित कर खाड़ी देशों के साथ अच्छे संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि ओमान की धरती पर एक मिनी इंडिया देख रहा हूं। देश के अलग-अलग कोने से आए हुए भारतीय, अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय एक भव्य तस्वीर का निर्माण कर रहे हैं।

आबूधाबी में भारतीय समुदाय से मुलाकात करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भारत और ओमान के बीच संबंध सैकड़ों हजारों वर्ष पुराने हैं। 5000 साल पहले भी गुजरात के लोथल बंदरगाह से लकड़ी के जहाज ओमान तक आते थे। लौटते समय यह जहाज लोथल से भी आगे दक्षिण की तरफ भारत के समुद्री तटों से होते हुए श्रीलंका तक जाते थे। हजारों साल में व्यवस्था बदल गई। भारत में गुलामी का कालखंड आया। लेकिन हमारे सदियों पुराने व्यापारी और आत्मीय संबंध वैसे ही बने रहे। भारत की आजादी के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक और सामाजिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए संस्थाएं विकसित हुईं। मध्य प्रदेश में बीना रिफाइनरी ओमान के सहयोग से चल रही है। भारतीय कंपनियों के डेढ़ हजार से ज्यादा जॉइंट वैंचर्स ओमान में काम कर रहे हैं। ओमान की प्रगति और विकास में भारत और भारत के होनहार राष्ट्रदूत में सबकी भागीदारी रही है। सरकार के तरफ से तो एक राजदूत होता है लेकिन देश की तरफ से लाखों राष्ट्रदूत ओमान में बैठे हुए हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘3 साल से हम एक नीति बनाकर खाड़ी के देशों के साथ भारत के पुराने और दोस्ती के रिश्ते को आज के समय के मुताबिक एक नया जामा पहना रहे हैं। अनेक आयामों के साथ जोड़ रहे हैं। भारत की बढ़ती प्रगति और साख के साथ-साथ खाड़ी देशों की भारत में रुचि दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। एनर्जी हो, व्यापार हो, प्रवासियों की उपस्थिति हो, इन्वेस्टमेंट हो, हर क्षेत्र में खाड़ी देशों और भारत के संबंध और भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।’

भारत-अबूधाबी के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबूधाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात कर अनेक द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की और पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें इंडियन ऑयल के नेतृत्व वाले कंपनी समूह को अपतटीय तेल सुविधा में 10 फीसदी हिस्सेदारी देने का समझौता भी शामिल है। प्रधानमंत्री तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में जॉर्डन से यहां पहुंचे। हवाई अड्डे पर अबूधाबी के शहजादे और शाही परिवार के अन्य सदस्यों ने उनकी अगवानी की। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया।
मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा से भारत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) संबंधों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। वहीं यूएई सैन्य बल के उप-शीर्ष कमांडर मोहम्मद बिन जायद ने ट्वीट किया हम देश के अतिथि और मित्र भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यूएई में स्वागत करते हैं। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यूएई की उनकी यह दूसरी यात्रा है। कल शाम उन्होंने यहां जायद के साथ शाही महल में एक प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। मोदी अगस्त 2015 में पहली बार यूएई की यात्रा पर गए थे। मोदी पहले ऐसे विदेशी नेता हैं जिसे अबूधाबी के शहजादे ने शाही महल में आमंत्रित किया है। शहजादे ने यूएई के एक आधुनिक देश के निर्माण में भारतीय श्रमिकों के योगदान की भी सराहना की।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अाबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, जिन्होंने वाहाट अल करामा “ओहास ऑफ डिग्निटी” में संयुक्त अरब अमीरात की सेवा में अंतिम बलिदान दिया।

अबू धाबी के शहजादे ने मोदी को बताया अपना दोस्त
अबू धाबी, अबू धाबी के नायब शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया और कहा कि यह मोदी के दूसरे घर जैसा है। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले के मुता‎बिक शहजादे ने कहा कि अबू धाबी उनका दूसरा घर है। गोखले ने इसके साथ ही कहा ‎कि इसमें खास बात यह थी जब कई मौकों पर उन्होंने कहा कि यूएई को बनाने में भारतीयों का बड़ा योगदान है, जिसकी अबू धाबी का हर नागरिक सराहना करता है। भारतीयों ने अपनी अथक मेहनत और भरोसे से ही इस देश को बनाया है। भारतीय समुदाय पर विश्वास किया जा सकता है। अबू धाबी में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत को विशेष सम्मान बताते हुए गोखले ने कहा ‎कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और शाही परिवार के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे थे। गौरतलब है ‎कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात के अपने दो दिनों के दौरे पर शनिवार शाम पहुंचे हैं।

खाड़ी के देशों-भारत के बीच सद्भाव का सेतु बनेगा हिंदू मंदिर : मोदी
दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबई के ऑपेरा हाउस में भारतीयों को संबोधित किया। मोदी ने यहां विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजधानी के पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया। लगभग 55000 वर्ग मीटर भूमि में बनने वाला यह मंदिर पश्चिम एशिया में पत्थरों से बना पहला हिंदू मंदिर है, जिसका निर्माण बीएपीएस संस्था करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपेरा हाउस में यूएई में रह रहे भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा शायद कई दशकों के बाद भारत का खाड़ी देशों के साथ इतना व्यापक और गहरा नाता बना है। मोदी ने कहा भारत को गर्व है कि खाड़ी के देशों में 30 लाख से भी अधिक भारतीय समुदाय के लोग यहां की विकास यात्रा में भागीदार रहे हैं। भारतीय समुदाय ने इसे अपना घर मानकर प्रतिबद्धता के साथ यहां के लोगों के सपनों को साकार करने के लिए अपने सपनों को भी यहां बोया है।
प्रधानमंत्री ने कहा बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्राउन प्रिंस ने मंदिर बनाने की बात को आगे बढ़ाया। मैं क्राउन प्रिंस को सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों की तरफ से आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मंदिर का निर्माण दोनों देशों की सद्भावना के सेतु के रूप में होगा। हम उस परंपरा में पले हैं, जहां मंदिर मानवता का स्थान है। मोदी ने कहा कि आज देश विकास की नई ऊंचाइयों को पार कर रहा है। यह भारत के लिए गर्व की बात है कि एक विश्व स्तर की समिट में भारत को विशेष सम्मान मिलेगा। बता दें कि दुबई में होने वाली वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पीएम मोदी मुख्य वक्ता के रूप में हिस्सा लेंगे।
भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘भारत किस तेजी से बदल रहा है और सवा सौ करोड़ लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए किस तरह आगे बढ़ रहे हैं, यह आपको पता है। हमने वह समय भी देखा है जब लोग चलो छोड़ो यार कहकर उम्मीद छोड़ देते थे। उन्होंने कहा कि एक समय था जब आम आदमी पूछता था, यह संभव है क्या? यह हो सकता है क्या? लेकिन चार साल में हम उस जगह पहुंच गए हैं, जब देश यह नहीं पूछ रहा है कि संभव है या नहीं है, वह पूछ रहा है कि मोदी जी बताओ कब होगा? इस सवाल में शिकायत नहीं है, विश्वास है। 2014 में ईज ऑफ डुइंग बिजनस में हम 142 नंबर पर थे, सूची में पीछे से ढूंढने पर हमारा नाम आसानी से मिल जाता था। इतने कम समय में हम 42 अंक आगे जाकर 100 पर पहुंच गए हैं, हम यहां भी नहीं रूकेंगे, हमें अभी और आगे जाना है। इसके लिए जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे।

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