मुंगावली में शिवराज की घोषणाओं और अबकी सिंधिया सरकार के नारे में दिख रही सीधी टक्कर

अशोकनगर, मुंगावली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिये बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। उपचुनाव जीतना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बहुत महत्वपूर्ण है।यहाँ एक और शिवराज की घोषणाएं हैं तो दूसरी और अबकी सिंधिया सरकार का नारे के बीच मुकाबला फसता हुआ प्रतीत हो रहा है, मुंगावली विधानसभा सीट सिंधिया के दबदवे वाले क्षेत्र में आती है। शिवराज सिंह चौहान इस सीट को कांग्रेस से छीनकर यह साबित करना चाहते हैं कि प्रदेश में उनका डंका अभी भी कायम है।
चौहान सभाओं और रैलियों में घोषणाओं से जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं,कहते है कि अगर मुंगावली विधानसभा सीट जीते तो यहां दो विधायक होगें। अगले छह महीने वह स्वयं यहां पर विधायक की तरह काम करेगें। वहीं सिंधिया की वजह से ही 2013 में कांग्रेस ने यह विधानसभा सीट जीती थी। हालांकि अटेर और चित्रकूट उपचुनाव हारने के बाद शिवराज सिंह चौहान अब सिंधिया को मात देने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।
दोनों दलों के बीच चुनावी लड़ाई:
दोनों दलों की रार व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप पर पहुंच गई हैं। श्री चौहान ने बीते मंगलवार को मुंगावली की रैली में सिंधिया का नाम लिया। श्री चौहान ने इस विधानसभा क्षेत्र में दीवालों पर लिखे अबकी बार सिंधिया सरकार जैसे नारे के लिये सांसद पर निशाना साधते हुए कहा था कि अभी तो मेरी सरकार है और रहेगी। वहीं कांग्रेस द्वारा भी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री को घोषणावीर कहकर पिछले उपचुनावों में की गई घोषणाओं को अभी तक पूरी न करने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाए करते हैं। इसके बाद उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं कि घोषणाए अमल हो रहीं हैं या नहीं।
मुंगावली की जनता 24 को चुनेगी अपना नेता:
भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही पाटिर्यों को उपचुनाव नाक का सबाल बना हुआ है। इस सीट को हतियान के लिये दोनो पार्टियां ऐड़ी से चोटी तक की ताकत लगा रही हैं। आगामी 24 फरवरी को मतदान होना है। क्षेत्र की जनता अपना नेता किसको चुनती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल क्षेत्रीय सांसद योतिरादित्य सिंधिया अपनी सीट को बचाने के लिये पूरी ताकत झौंक रहे हैं। वहीं भाजपा के नेताओं और सीएम की प्रति‰ा का प्रश/ बन चुके मुंगावली उपचुनाव को जीतने के लिये पूरी ताकत झौंक रहे हैं। क्षेत्रीय सांसद कुशल और लोकप्रिय प्रभाव के चलते जनता में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री बार-बार दौरे और सभाएं करकर जतना को अपनी और खीचने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहीं हैं। दोनों ही दलों के नेता गली-गली और घर-घर घूमकर वोट मांग रहे हैं। क्षेत्र की जनता ने अभी अपना मूह बंद कर रखे हुए है।
एक दूसरे के टारगेट पर शिवराज और सिंधिया:
उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और सांसद सिंधिया ने एक दूसरे को टारगेट पर ले लिया। भाजपा और कांग्रेस से स्थानीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। दोनो उम्मीदवार एक ही परिवार से हैं। मात्र दो पीढ़ी का ही अंतर है। इस चुनाव में 13 प्रत्यासी मैदान में उतरे हैं। जिनमें से 8 निर्दलीय और पांच पार्टियों से हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा से बाईसाहब यादव और कांग्रेस से वृजेन्द्र सिंह के बीच माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार सिंधिया पर सीधा अटेक करने में पीछे नहीं रह रहे हैं। भाजपा का अंदाज देख अब कांग्रेस भी अपना रवैया बदलने जा रही है। क्षेत्र के सांसद सिंधिया 9 फरवरी शुक्रवार से मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं। उन्होंने लप्टोरा गांव में पहुंचकर वृजेन्द्र सिंह यादव के पक्ष में लोगों से वोट डालने की अपील की। इसमें सक्रीयता भी दिखाई गई। सिंधिया तीन दिन के दौर में मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में रहकर जनसंपर्क और प्रचार के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात करेगें।

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