आपराधिक मामलों के दोषियों की राजनीतिक पार्टी बनाने पर रोक लगे- चुनाव आयोग

नई दिल्ली,चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने वालों को राजनीतिक दल बनाने या दल का पदाधिकारी बनने पर रोक लगाने वाली याचिका का समर्थन किया है। आयोग का कहना है कि उसके पास राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार होना चाहिए। आयोग पिछले करीब 20 वर्षों से केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह आग्रह करता रहा है कि उसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का भी अधिकार दिया जाए लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिली है।
आयोग ने कहा है कि जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा-29 ए में उसे राजनीतिक दलों के पंजीकरण करने का तो अधिकार दिया गया है लेकिन इस दल के पंजीकरण को रद्द करने का अधिकार नहीं दिया गया है।
आयोग ने कहा कि 1998 में पहली बार मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने तत्कालीन कानून मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि आयोग को राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार मिलना चाहिए। आयोग का कहना था कि कई राजनीतिक दल ऐसे हैं जिन्होंने पंजीकरण तो करवा लिया है लेकिन कभी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। इस तरह की पार्टियां सिर्फ कागजों पर है। आयोग का कहना है कि इस तरह की पार्टी बनाने का मकसद आयकर अधिनियम का फायदा उठाने का भी हो सकता है।

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