नई दिल्ली,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय और अन्य महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक एक बयान में बताया गया कि दोनों नेताओं ने फोन पर अफगानिस्तान में युद्ध, मालदीव में राजनीतिक संकट, म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों की दुर्दशा तथा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की। गौरतलब है कि सोमवार को मालदीव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने 15 दिनों के आपातकाल की घोषणा कर दी है। आपातकाल घोषित किए जाने के बाद पुलिस ने देश के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद को गिरफ़्तार कर लिया है। तब से यहां राजनीतिक गतिरोध बना हुआ है। चीन ने मालदीव में संयुक्त राष्ट्र के किसी भी तरह के हस्तक्षेप का विरोध किया। हालांकि विदेशी हस्तक्षेप पर अपना सुर थोड़ा नरम करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय राजनीतिक संकट के समाधान में मालदीव के दलों के लिए ”समर्थन और सुविधा मुहैया करा सकता है।
चीन ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और संबंधित दलों के बीच वार्ता को लेकर मदद मुहैया कर इस संबंध में एक सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। चीन ने पहले किसी भी अंतरराष्ट्रीय भूमिका का विरोध करते हुए कहा था कि संकट को संबंधित दलों द्वारा आपस में सुलझाना चाहिए। यह साफ नहीं है क्या चीन यामीन और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और ममून अब्दुल गयूम के बीच वार्ता आयोजित करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहता है या नहीं।