राजे की चुप्पी टूटी,विधायकों के खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी और अफसरों की असंवेदनशीलता हार की वजह

जयपुर,राजस्थान में हाल ही में हुए एक विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव में इस बार भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। हार के बाद राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। राजे ने एक इंटरव्यू में भाजपा की हार से लेकर राज्य में उनके खिलाफ हो रहे राजनीतिक विरोध पर खुलकर बातचीत की। राजे ने कहा कि हम अब भी हार पर विश्लेषण कर रहे हैं कि हमसे कहां पर चूक हुई है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की चुनाव में क्षुद्र राजनीति, विधायकों के खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी, जनसेवाओं के मामले में फील्ड में तैनात अफसरों की असंवेदनशीलता और लापरवाही का असर चुनाव पर पड़ा। उन्होंने माना कि राज्य में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हम जनता से जुड़ाव में नहीं हैं। यह भी हार का एक कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायकों और अधिकारियों को जनता के साथ जुड़ना होगा, उनकी समस्याओं को सुनना और सुलझाना होगा। जब तक विधायक लोगों से संवाद नहीं करेंगे उनसे जुड़ेंगे नहीं तब तक जनता भी सरकार की योजनाओं को नहीं समझ पाएगी जो कि चिंता का कारण है। वहीं आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी पर उन्होंने कहा कि हमने राज्य में बहुत काम किया और बहुत कुछ करना अबी बाकी भी है। उन्होंने कहा कि हम राज्य में कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं जिसमें वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है।

 

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