लखनऊ, यूपी में सरकार बदलने के साथ ही योगी सरकार की सख्ती के कारण पांच लाख बच्चे परीक्षा से महरूम रह गए है। इसका कारण यूपी बोर्ड की परीक्षा में सरकार की तरफ से की जा रही सख्ती के कारण हुआ है। बोर्ड परीक्षा के पहले दो दिनों में पांच लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है। यही नहीं दूसरे दिन 144 नकलची पकड़े गए। माना जा रहा है कि सरकार की सख्ती की वजह से नकल के भरोसे परीक्षा देने वाले छात्रों को मायूसी हाथ लगी है,जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा छोड़ चुके हैं। दरअसल डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा खुद हेलीकॉप्टर से कई जिलों में औचक निरिक्षण कर रहे हैं,जिसकी वजह से नकलविहीन परीक्षा कराने के सरकार के प्रयास को बल मिला है। पिछले दिनों पेपर के दौरन डॉ दिनेश शर्मा जौनपुर, हरदोई और गोंडा जिलों का औचक निरीक्षण कर चुके हैं। इसके अलावा सीसीटीवी और एसटीएफ की मुस्तैदी से भी नकल माफियाओं को तगड़ा झटका लगा है। जानकार भी मान रहे हैं कि इस बार नकल विहीन परीक्षा का माहौल बना है। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा,परीक्षा के दो दिन बीत चुके हैं। सभी जिलों से उत्साहजनक सूचनाएं आ रही हैं। यूपी में सक्रिय नक़ल माफिया योगी सरकार की सख्ती के कारण पस्त नजर आ रही हैं। उधर एसटीएफ सक्रिय है, नक़ल की सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। यूपी बोर्ड ने संशोधित आंकड़े जारी करते हुए बताया कि पहले दिन दसवीं में 69201 और बारहवीं में 220107 छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। यानी पहले दिन कुल 289308 परीक्षार्थियों ने छोड़ी परीक्षा। दूसरे दिन दसवीं में 214265 और बारहवीं में 1496 छात्र अनुपस्थित रहे। दूसरे दिन कुल 215761 छात्रों ने परीक्षा छोड़ी। यूपी बोर्ड के मुताबिक शुरुआती दो दिनों में 144 छात्र नक़ल करते हुए पकडे गए। बुधवार को दूसरे दिन 128 नकलची पकड़े गए। जिनमें हाईस्कूल की परीक्षा में 92 नकलची पकड़े गए। जबकि इंटर की परीक्षा में 36 नकलची पकड़े गए। इनमें 25 मथुरा जिले के हैं। वहीं प्रतापगढ़ जिले में एक छात्र के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। गौरतलब है 6 फरवरी से शुरू हुए हैं बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 66 लाख 37 हजार छात्रों को एडमिट कार्ड जारी हुआ था।