मुंबई,अप्रैल 2016 से पहले होम लोन लेनेवालों के लिए राहत भरी खबर है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने इस अवधि से पहले कर्ज लेने वाले लोगों पर लगाई गई ब्याज की दरों को बाजार के मौजूदा पैमाने के अनुकूल करने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि अप्रैल 2016 से पहले होम लोन बेस रेट से जुड़े होते थे, जिसका एकतरफा निर्धारण बैंक किया करते थे। इसके बाद ब्याज दरों में कटौती की गई लेकिन इसका लाभ पहले के ग्राहकों को नहीं मिल रहा था।
ब्याज दरों में अंतर की जब शिकायतें की गईं तो आरबीआई ने फॉर्म्युला आधारित मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) लागू किया, जो फंड्स की लागत से जुड़ा है। अप्रैल 2016 के बाद से लोन लेनेवालों को एमसीएलआर का फायदा मिल रहा है, लेकिन इसके पहले लोन लेनेवाले बेस रेट के आधार पर ही भुगतान कर रहे हैं। बेस रेट खत्म करने के बाद 21 महीनों में वेटेड ऐवरेज लेंडिंग रेट 11.23फीसदी से घटकर दिसंबर 2017 में महज 10.26 फीसदी रह गया। इसका फायदा जिन्हें मिल रहा है, उनमें ज्यादातर वे लोग हैं, जिनके लोन पर लागू ब्याज की दर एमसीएलआर से जुड़ी हुई है। ज्यादातर बैंकों ने कॉस्ट ऑफ फंड्स (लोन देने की कुल लागत) के मुताबिक ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है, लेकिन एसबीआई ने पिछले महीने होम लोन पर ब्याज दर 30 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 8.65फीसदी कर दिया।
बैंक ऑफ अमेरिका के भारत में कंट्री हेड नाकु नखाटे ने कहा, ‘एमसीएलआर का बेस रेट से समायोजन का सुझाव लोन बंटवारे में सुधार लाने और लेंडिंग रेट्स कम करने में मददगार साबित होगा। इस कदम की घोषणा करते हुए आरबीआई के डिप्टी गर्वनर विश्वनाथन ने कहा, ‘हम बेस रेट की गणना को एमसीएलआर से जोड़ रहे हैं।’ हालांकि, यह भी स्पष्ट नहीं है कि आरबीआई बेस रेट को एमसीएलआर के अनुरूप तर्कसंगत कैसे बनाएगा। हालांकि, इतना स्पष्ट है कि बेस रेट से जुड़े लोन भविष्य में एमसीएलआर से जुड़ जाएंगे।
अपने पॉलिसी स्टेटमेंट में रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे एक अप्रैल 2018 से बेस रेट को एमसीएलआर से लिंक करें। कर्ज लेनेवालों के लिए एक और फायदे की बात यह है कि अब नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को भी आरबीआई के लोकपाल के अंदर ला दिया गया है। इससे लोन लेनेवालों की शिकायतों का निपटारा बिना किसी खर्च के हो सकेगा। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक होम लोन देनेवाली कंपियों को नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (एनबीएफसी) के रूप में रजिस्टर करता है।
अप्रैल 2016 से पहले होम लोन लेने वालों को भी मिलेगा ब्याज दरों में लाभ
