नई दिल्ली,भारतीय सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर में शुरू किए गए ऑपरेशन ऑलआउट ने आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी है। भारतीय सेना के हमलों से बौखलाए आतंकी संगठन लश्कर-ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए मोहम्मद के बीच आपसी जंग छिड़ गई है। भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले जमात-उद-दावा के प्रमुख आतंकी हाफिज सईद ने यूनाइटेड जेहाद कॉउंसिल और हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ पद से सैयद सलाउद्दीन को हटाने की मांग की है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए यूनाइटेड जेहाद कॉउंसिल बनाई है। इस आतंकी संगठन के भीतर लश्कर-ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए मोहम्मद जैसे खूंखार संगठन हैं। हाफिज सईद की सिफारिश पर ही सैयद सलाउद्दीन को इस संगठन का मुखिया बनाया गया था। भारतीय सेना के हमलों से यूनाइटेड जेहाद कॉउंसिल में शामिल संगठन घबरा गए हैं। हाफिज सईद अब सैयद सलाउद्दीन के पीछे पड़ गया है। उसने सलाउद्दीन को हिजबुल मुजाहिदीन और यूनाइटेड जेहाद कॉउंसिल के चीफ पद से हटाने हटाने की सिफारिश आईएसआई से की है। खुफिया सूत्रों के अनुसार सलाहुद्दीन हटा तो हिजबुल मुजाहिदीन के बड़े कमांडर अमीर खान या इम्तियाज खान को नया चीफ बनाया जा सकता है। हाफिज सईद और मौलाना अजहर ने आईएसआई से इसकी पैरवी की है।
सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन का जन्म 18 फरवरी 1946 को बड़गाम, जम्मू कश्मीर में हुआ। सन 1990 में पाकिस्तान भागने से पहले वह कश्मीर में यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था। सलाउद्दीन 27 साल से भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें कर रहा है। उसके पिता भारतीय डाक विभाग में काम करते थे। उसने मेडिसिन की पढ़ाई की लेकिन वह सिविल सर्विस में जाना चाहता था। सलाउद्दीन 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुका है।
श्रीनगर की अमीराकदल विधान सभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन बूथ कैप्चरिंग के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद वह जमात-उद-दावा आतंकी संगठन में शामिल हो गया। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हो या फिर सेना के कैंप पर सैय्यद सलाउद्दीन सीमापार से लगातार साजिशें थमती नहीं। सलाउद्दीन ने पिछले साल धमकी दी थी कि वह जम्मू-कश्मीर को भारतीय सैनिकों की कब्रगाह बना देगा। भारत पिछले कुछ समय से इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने में जुटा था।