नई दिल्ली,वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश के अधिकांश राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के पक्ष में नहीं हैं। जेटली ने यह बता कर इन पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने की संभावना को एक तरह से खारिज कर दिया। ज्ञात हो कि एक जुलाई से लागू हुआ जीएसटी रियल एस्टेट, कच्चे तेल, विमान ईधन (एटीएफ), प्राकृतिक गैस, डीजल और पेट्रोल पर लागू नहीं होता। जेटली ने कहा अधिकांश राज्य इसे जीएसटी के दायरे में लाए जाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा मुझे भरोसा है कि जीएसटी अनुभव को देखते हुए प्राकृतिक गैस, रीयल एस्टेट ऐसे क्षेत्र हैं, जिसे इसके दायरे में लाया जाएगा और उसके बाद हम पेट्रोल, डीजल और पीने योग्य अल्कोहल को इसके अंतर्गत लाने का प्रयास करेंगे। पांच पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इसका कारण इससे बड़ी मात्रा में केंद्र एवं राज्यों को मिलने वाला राजस्व है।
जेटली ने कहा कर को युक्तिसंगत बनाने का काम जारी रहेगा और जैसे ही राजस्व बढ़ता है, अंतत: 28 प्रतिशत कर स्लैब केवल अहितकर और विलासिता की वस्तुओं के लिए ही रहेगा। उन्होंने कहा जीएसटी को लेकर अब कोई उठापटक नहीं हैं। चीजें सामान्य हो चुकी हैं। अब लगभग हर बैठक में हम शुल्क को युक्तिसंगत बनाने में कामयाब हैं और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।