जब 850 पेज के हलफनामे पर नाराज़ हुआ सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली,सर्वोच्च अदालत ने एक 850 पेज के हलफनामे पर सरकार को खूब फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सारा कूड़ा हम पर डालना चाहती है और हम स्पष्ट कर दें कि हमें कूड़ा इकट्ठा करनेवाला न समझा जाए।
दरअसल यह हलफनामा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर प्रस्तुत किया गया।
जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा, ‘आप करना क्या चाहते हैं? क्या आप हमें प्रभावित करना चाहते हैं? हम आपसे बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हैं। हम किसी भी सूरत में इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं। ऐसा न करें… ऐसा लग रहा है जैसे आप सारा कूड़ा हमारे सामने फेंक देते हैं। हम कचरा इकट्ठा करनेवाले लोग नहीं है। इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट रहें।’
850 पेज के हलफनामे पर कोर्ट ने कहा, ‘आपने हलफनामे का खुद भी अध्ययन नहीं किया है और लाकर हमारे सामने पटक दिया। अगर हलफनामे में कोई तथ्य न हों तो उन्हें फाइल करने का कोई औचित्य नहीं है। आपने इसे नहीं देखा और आप चाहते हैं कि हम इसे देखें। हम इसे रेकॉर्ड में नहीं लेने जा रहे हैं।’
कोर्ट ने 3 हफ्ते में केंद्र सरकार को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड के गठन पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

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