भोपाल, नगर निगम परिषद की बैठक में आज कम्पलिशन सर्टिफिकेट का मामला जोर-शोर से उठा। इस बैठक में जहां 2 अपर आयुक्तों, एक सिटी इंजीनियर और 3 इंजीनियरों पर गाज गिरी तो 38 बिल्डर भी लपेटे में आए। इन बिल्डर्स ने अफसरों से मिलीभगत करके कम्पलिशन सर्टिफिकेट ले लिए थे ताकि इनकी यह प्रोजेक्ट रेरा से बच जाए। अब नगर निगम ने ऐसे बिल्डर्स को दोबारा आवेदन करने के लिए एक माह का समय दिया है। जानकारी के मुताबिक नगर निगम परिषद की बैठक में कम्प्लीशन सर्टिफिकेट को लेकर बड़ा निर्णय हुआ है। कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के मामले में गड़बड़ी होने पर आज अपर आयुक्त वीके चतुर्वेदी, मलिका निगम नागर और सिटी इंजीनियर जीएस सलूजा को उनके मूल विभाग में भेजा जाएगा। साथ ही तीन इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया है। इस आदेश के पहले परिषद बैठक में एमआईसी सदस्य एवं जांच कमेटी के सदस्य कृष्णमोहन सोनी ने जांच रिपोर्ट को पढ़ा था। जांच में बिल्डर्स की गड़बड़ी सामने आई थी। गौरतलब है कि तीन महीने पहले फर्जी कम्प्लीशन सर्टिफिकेट का मामला परिषद बैठक में कांग्रेस पार्षद गिरीश शर्मा ने उठाया था। इसके बाद महापौर आलोक शर्मा ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए थे। परिषद की बैठक शुरू होते ही आज पहला मामला कम्प्लीशन सर्टिफिकेट का ही आया। इस जांच कमेटी की लीड कर रहे एमआईसी सदस्य कृष्णमोहन सोनी ने इस मामले की पूरी जानकारी परिषद में रखी। उन्होंने आयुक्त प्रियंका दास का जांच प्रतिवेदन भी पढ़ा, जिसके अनुसार दोनों अपर आयुक्त और सिटी इंजीनियरों को मूल विभाग में भेजने के साथ इंजीनियर बीएस त्रिपाठी, संजय तिवारी और एके साहनी को निलंबित करने की सिफारिश की गई है। आयुक्त की सिफारिश पर परिषद की मोहर लगेगी।पूरे मामले में महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।