अन्ना बरसे मोदी सरकार को अडानी-अंबानी की चिंता, किसानों-आम आदमी की नहीं

जबलपुर,गांधीवादी जननेता अन्ना हज़ारे ने अपनी तलवार की धार फिर तेज़ कर ली है। इस मर्तबा तलवार की धार नरेंद्र मोदी सरकार को काटने में इस्तेमाल की जाएगी। अन्ना हज़ारे 23 मार्च से दिल्ली में पुनः धरने पर बैठने जा रहे हैं। इसी सिलसिले में उनका सतना जाना हो रहा है। जबलपुर में उन्होंने विश्राम गृह क्र. दो में पत्रकारों से बातचीत की।
केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसान और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दों पर कुछ नहीं किया। चुनाव पूर्व कहा था कि 30 दिन में काला धन लाएँगे। सब के खाते में 15 लाख रुपए आएँगे। न कालाधन लाए न ही खातों में 15 लाख रुपए आए। केंद्र सरकार का उपहास उड़ाते हुए कहा कि मेरे खाते में 15 रुपए तक नहीं आए। उन्होंने कहा लोकपाल बिल पर भारी जन दबाव बना तो यूपीए सरकार ने इसे बना दिया था लेकिन वर्तमान सरकार तीन साल में इसे लागू नहीं कर पाई। उलटे इस सरकार ने अधिकारियों को बचाने वाला क़ानून तीन दिन में बनाकर लागू कर दिया। इसी तरह धन विधेयक लाकर चुनावी चंदे पर पर्दा डाल दिया। श्री हज़ारे ने कहा कि इस क़ानून के बनने के बाद कम्पनियों ने 4 हज़ार करोड़ रुपए का चंदा सत्ता पक्ष को दिया है, मैं अभी इसकी पुख़्ता पड़ताल कर रहा हूँ।
एनडीए सरकार पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा मोदी सरकार को अडानी-अंबानी की चिंता है, किसान, भ्रष्टाचार और आम आदमी की नहीं। कहा कि 23 मार्च का धरना किसान और लोकपाल बिल के लिए किया जा रहा। किसानों को फ़सल का उचित मूल्य मिले। लोकपाल क़ानून लागू किया जाए। निराश्रित किसान को साठ वर्ष की आयु के बाद पेंशन दी जाए। धरने को सफल बनाने देश भर का दौरा कर रहा हूँ।
अन्ना हज़ारे ने वोटरों से अपील की है कि पक्ष-पार्टी को नहीं बल्कि उम्मीदवार के चरित्र को देखकर अगले चुनाव में वोट करें। कांग्रेस-भाजपा पर आक्रमण बोलते हुए कहा कि दोनों ही पार्टियाँ पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा बनाती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि संविधान में कहीं भी पक्ष और पार्टी का उल्लेख नहीं है। चुनाव आयोग फिर क्यों चुनाव चिन्ह बाँटता है। चुनाव आयोग के साथ इस मुद्दे पर कई मिटिंग्स हुई। आयोग कहता है, हम कुछ नहीं कर सकते। इतना ज़रूर हुआ है कि प्रत्याशी के नाम के साथ उसकी फ़ोटो रहेगी। कम से कम मतदाता पहचान कर वोट करेगा।

 

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