कानपुर,उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में एक झोलाछाप डाक्टर ने साइकल पर घूम-घूम कर लोगों का इलाज किया। वह उपचार के दौरान एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता रहा, जिसकी वजह से 20 से अधिक लोग एचआईवी संक्रमित हो गए हैं। झोलाछाप डाक्टर से उपचार कराने वाले 40 से अधिक दूसरे लोगों में भी इस जानलेवा महामारी के लक्षण पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर लिखवाई है। यह मामला तब उजागर हुए जब नवंबर-2017 में बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में एक एनजीओ ने स्वास्थ्य शिविर लगाया। इसमें जांच के दौरान कुछ लोगों में एचआईवी के लक्षण मिले। इन्हें आगे की जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया, जहां परीषण में कई लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए।
काउंसलिंग के दौरान पता चला कि क्षेत्र में लोगों का इलाज करने वाला एक झोलाछाप एक इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता था। समझा जाता है कि उसने वह इंजेक्शन किसी एचआईवी पीड़ित को लगाया होगा। इससे उसकी सुई संक्रमित हो गई होगी। फिर वही इंजेक्शन दूसरे मरीजों को लगाने से वे भी संक्रमित होते गए। रिपोर्ट जिले के बड़े अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने बांगरमऊ में जनवरी में अलग-अलग तीन स्वास्थ्य शिविर लगवाए। यहां 500 से ज्यादा लोगों की जांच में फिर 40 लोगों में एचआईवी के लक्षण मिले।
सूत्रों के मुताबिक अब तक यहां 20 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बाकी मरीज कानपुर के एआरटी सेंटर पर जांच करवा रहे हैं। जिन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें चार-पांच बच्चे भी हैं। लोगों से बातचीत में झोलछाप डाक्टर की भूमिका की पुष्टि होने के बाद सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रमोद कुमार दोहरे ने 30 जनवरी को बांगरमऊ थाने में ‘साइकल पर घूमकर लोगों का इलाज करने वाले’ अज्ञात शख्स के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है।