इंद्राणी मुखर्जी को कोर्ट ने दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा

मुंबई,अपनी बेटी शीना बोरा हत्याकांड मामले में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी कोआईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने हिरासत में लेने के आदेश जारी कर दिए हैं. सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने इंद्राणी मुखर्जी को मामले में दोषी मानते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो को दो दिन इंद्राणी से पूछताछ की अनुमति दे दी और 7 फरवरी को उसे अदालत में पेश करने का निर्देश दिया. मामला आईएनएक्स मीडिया द्वारा कोष हासिल करने के लिए 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी से जुड़ा है. सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने अदालत के सामने कहा कि इंद्राणी से पूछताछ करने और मामले में अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराने की जरूरत है. जांच एजेंसी ने कहा कि मामले में पूर्व की पूछताछ के दौरान यह पता चला कि उनकी न्यायिक पूछताछ के लिए आगे जांच की जरूरत है. सीबीआई ने कहा कि मामले में काफी रिकॉर्ड हैं और पूर्व में भी पूछताछ की अनुमति प्रदान की गयी थी. हालांकि, मुंबई पुलिस ने अदालत को बताया कि इंद्राणी को 13 फरवरी को मुंबई की अदालत के समक्ष पेश करना होगा. प्रवर्तन निदेशालय ने आईएनएक्स मीडिया, इसके संस्थापकों पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी और अन्य पर धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था. गौरतलब हो कि आईएनएक्स मीडिया केस में इससे पहले पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदबरंम का नाम भी सामने आ चुका है. कार्ति चिदबरंम के साथ सीबीआई ने कुछ दिनों पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. ये कार्रवाई कथित भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्तियों पर कई शहरों में की गई छापेमारी के जरिए की गई थी.
– क्या है मामला
पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम पर पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के मुंबई के मीडिया समूह आइएनएक्स को नियमों को ताक पर रखकर विदेश फंड दिलाकर फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था. इसके साथ ही कार्ती चिदंबरम पर 3.5 करोड़ रुपये एफआईपीबी मंजूरी दिलाने हेतु लिए गए थे. इस मामले में जो शिकायत दर्ज कराई गई है, उसमें पी चिदंबरम का नाम नहीं है. पी चिदंबरम पर कथित तौर पर एफआईपीबी की 18 मई 2007 की बैठक में कंपनी में 4.62 करोड़ रुपये के विदेश प्रत्यक्ष निवेश के लिए एफआईपीबी मंजूरी के आरोप लगे हैं.

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