बैतूल,मार्गदर्शन देने के भाव से मैं यहां भारत-भारती नही आता हूं मैं यहां से कुछ ना कुछ लेकर जाता हूं। मैं संघ का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं । यहां भोजन मुफ्त नही मिलता है मुझे भी पन्द्रह मिनट बोलना पड़ता है। यह बात शुक्रवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत भारती आवासीय विद्यायलय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के शुरूआत में कही।
उन्होंने कहा कि हमें फलदार पेड़ बनकर बिना किसी चाह के देश सेवा करनी चाहिये । मनुष्य के विद्यालय हर जगह है लेकिन पशुओं के नही है क्योंकि मनुष्य जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा हासिल करता है। शिक्षा का उपयोग समाज को आपातकालीन स्थिति से उभरने में करे। आदमी को अंदर और बाहर दोनो जगह की जानकारी होनी चाहिए। प्रकृति से लेना तो सही है लेकिन देना भी हमें सीखना होगा। उन्होंने केरल के राजा उदयन कहानी सुनाई। श्री भागवत ने कहा कि युद्ध कला का उपयोग खुद की और समाज की रक्षा के लिए करना चाहिए न कि समाज के लोगो को अकारण परेशान करने के लिए।
जब अपने अंदर अपने आप को पहचान लोगे तब ही जीवन सार्थक होगा। समाज मे अमीर लोग बहुत हो गए है, लेकिन अब भामाशाह जैसे लोगो की जरूरत है। भामाशाह ने महाराणाप्रताप को युद्ध के लिए पूरा धन दान कर दिया था। ऐसा ही धन समाज के काम का है। अगर हम अंदर से ठीक है और मजबूत है तो दुष्ट लोग कुछ नही बिगड़ सकते हमे अपने आप को ठीक रखना है। भारत भारती में हर प्रकार की शिक्षा दी जाती है यहाँ पशुपालन, कृषि, कंप्यूटर हर प्रकार की शिक्षा दी जाती है। यहां पर भारत की भक्ति सिखाई जाती है। श्री भागवत ने कहा की इसलिए प्रकृति से मत लड़ो उसे देना भी सीखो और मिलकर जियो। अकेले की उन्नति कोई मतलब की नही, सब मिल जुलकर उन्नति करो तब ही श्रेष्ठ भारत बनेगा। फलदार और छायादार पेड़ बनों
हर-हर मोदी घर-घर मोदी के लगे नारे, चुप करवाते नजर आए भागवत-
संघ प्रमुख मोहन भागवत के जीटी एक्सप्रेस से बैतूल रेलवे स्टेशन पर उतरकर कुछ दूर चलने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे लगने लगे थे। श्री भागवत स्टेशन दो नंबर प्लेट फॉर्म से फ्लाई ओवर ब्रिज से पैदल चलकर एक नंबर प्लेट फॉर्म की तरफ बढ़ रहे थे कि तभी भाजपा के एक कार्यकर्ता “हर-हर मोदी- घर-घर मोदी” के नारे लगाने लगा! मोदी के नारे सुन मोहन भागवत उस कार्यकर्ता को चुप रहने का इशारा करते हुए नजर आए । सवाल यह है कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी के नारे लगने पर मोहन भागवत कार्यकर्ता को चुप रहने के लिए क्यों बोल रहे थे?
जाणता राजा नाट्य का हुआ भव्य मंचन-
भारत-भारती आवासीय विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दौरान छत्रपति के रायगढ़ दुर्ग में शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित *महानाट्य जाणता राजा* का मंचन किया गया । जिसमें शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी घटनाओं के बारे में भारत-भारती के छात्रों ने नाटक के माध्यम से जबरदस्त कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यक्रम को देखने सैकड़ो की तादाद में दर्शक पहुंचे थे।
बैतूल से नवल वर्मा की रिपोर्ट