मुंबई,बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने खेती करने की जमीन पर अवैध बंगला खड़ा कर दिया है। शाहरुख के सीए मोरेश्वर अजगांवकर ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताया कि शाहरुख के कहने पर उन्होंने जाली डॉक्टयूमेंट्स दिखाकर वो जमीन खरीदी थी।
इस बंगले में प्राइवेट हेलीपैड और स्वीमिंग पूल भी है। आईटी ऑफिसर्स ने बताया कि मोरेश्वर अजगांवकर ने उन्हें बताया है कि वो शाहरुख के आदेशों का पालन कर रहे थे। आईटी अधिकारियों के मुताबिक अजगांवकर ने माना है कि उन्होंने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल शाहरुख के कहने पर किया। एक जाली दस्तावेज में यह दिखाया गया है कि बंगला 1991 से पहले से था। हालांकि 2003 का गूगल अर्थ सैटेलाइट फोटो में कोई बंगला नहीं दिख रहा है। शाहरुख की कंपनी डेजा वू फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी रजिस्टरार के सामने दिखाया है कि बंगले में 16 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। आईटी विभाग के मुताबिक बंगले के निर्माण पर 50 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
जानकारी के मुताबिक, 2004 में डेजा वू फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के जरिए ये जमीन खरीदी गई थी। कहा गया था कि डेजा वू कंपनी खेती और खेती के विकास का काम इस जमीन पर करेगी। डेजा वू फार्म्स नाम की कंपनी ने साल 2004 से अब तक खेतीबाड़ी के मद में एक रुपये का काम नहीं किया है। कंपनी के नाम पर शाहरुख खान ने 2006-07 में 8 करोड़ 45 लाख रुपये का लोन लिया था, जो अब तक चुकाया नहीं गया है। सरकारी दस्तावेज में इस कंपनी के डायरेक्टर शाहरुख के ससुर और गौरी खान के पिता रमेश छिब्बा हैं। इनके अलावा गौरी खान की मां सविता छिब्बा और उनके भाई की पत्नी नमिता छिब्बा का नाम भी इस कंपनी के मालिकों में शामिल है।