नई दिल्ली, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है और बुनियादी संरचनात्मक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल को कम से कम करने पर है। किसानों की चर्चा करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि इस साल सरकार का ध्यान खेती को मजबूत करने पर रहेगा। साथ ही वित्त मंत्री ने गरीबों-मध्यवर्ग को होम लोन में राहत देने और किसानों को लागत से 50 फीसदी ज्यादा मूल्य देने की घोषणा की है। इससे पूर्व वित्तमंत्री ने राष्ट्रपति से भेंट कर उन्हें एक बजट की कापी प्रदान की।
नई दिल्ली में परंपरा के अनुसार आम बजट पेश करने के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिलने पहुचे वित्तमंत्री अरुण जेटली। इस दौरान उनके साथ राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन और वित्तसचिव शिव प्रताप शुक्ला व अन्य अधिकारी की मौजूद थे। इस दौरान राष्ट्रपति को बजट की एक प्रति भी सौंपी गई।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की खास बातें…
– गरीबों और मध्य वर्ग को होमलोन में राहत
– इस साल खेती को मजबूत करने पर ध्यान
– हमने पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है
– हमने बुनियादी संरचनात्मक सुधार किए हैं
– नोटबंदी ने काले पैसे में कमी
– दूसरे दौर में 7.5 फीसदी विकास दर की उम्मीद
– 6.3 फीसदी की विकास दर बदलाव का इशारा
– जल्द ही हम पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे
– हमारी अर्थव्यवस्था सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
– ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे
– हमारे आने के बाद अर्थव्यवस्था बेहतर हुई
– रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल कम से कम करने की कोशिश
– उज्ज्वला और सौभाग्य से बिजली और गैस
– ट्रेन और विमान टिकट ऑनलाइन करने का प्रबंध
– दो-तीन दिन में पासपोर्ट से समय की बचत
– नौकरियों में इंटरव्यू से समय की बचत
नई दिल्ली में आम बजट को पेश करने के लिए नार्थ ब्लाक से संसद की ओर जाते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली। इस दौरान उनके साथ राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन और वित्तसचिव शिव प्रताप शुक्ला व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
– अब तक 6 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं और 2 करोड़ शौचालय और बनाए जाएंगे।
– 2022 तक हर गरीब को घर दिए जाएंगे। पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को घर दिए जाएंगे।
– खेती के कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। किसान का कर्ज लेना आसान हुआ है।
– 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे। किसान पशुपालक कार्ड किसानों को भी मिलेगा। 1290 करोड़ रुपये की मदद से बांस मिशन चलाया जाएगा।
– 2 नए फंड पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।
– मोदी के नेतृत्व में कई मौलिक सुधार किए गए
– विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है
– गरीबी दूर करके मजबूत भारत बनाएंगे
– उच्च आर्थिक विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं
– सरकार ने पासपोर्ट नियम आसान किए है और अब 2-3 दिनों में पासपोर्ट मिल रहा है।
– नया ग्रामीण बाजार ई-नैम बनाया जा रहा है। 2 हजार करोड़ की लागत से कृषि बाजार बनाया जाएगा।
– दवाएं सस्ती हुई हैं, स्टेंट के दाम कम हुए
– गरीबों और मध्यमवर्ग को आवास योजना से ब्याज दरों में बड़ी राहत
– अनावश्यक नियम कानूनों से लोगों को राहत देने के लिए हम प्रतिबद्ध
– जीएसटी को और आसान बनाया गया
– हम ईज ऑफ लिविंग पर जोर दे रहे हैं
– अनाज का उत्पादन बढ़कर 217.5 टन हो गया है और किसान, गरीबों की आय बढ़ी है। फलों का उत्पादन 30 टन हुआ है।
– खेती की नीति के तहत साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है। बिचौलिए पर लगाम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है।
– हमारी सरकार ने स्टेंट की कीमत कम की है। देश में किसानों के फोकस गांवों के विकास पर होगा।
– लोगों के जीवन में सरकारी दखल कम हो रहा है।
– हमारा फोकस गांवों के विकास पर होगा। लोगों के जीवन में सरकारी दखल कम हो रहा है।
– देश के आम नागरिक के जीवन को आसान बनाया जा रहा है। वहीं विदेशी निवेश में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
– आज का युवा ईमानदारी का जीवन जी रहा है
– दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
– उज्ज्वला योजना से करोड़ों गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन
– सौभाग्य योजना से करोड़ों घर रोशन हो रहे हैं
नई दिल्ली में सुरक्षा बंदोबस्त के तहत संसद भवन परिसर में लाए गए सामान्य बजट 2018-19 के दस्तावेज
सरकारी मेडिकल कॉलेज हर राज्य में होगा
वित्तमंत्री अरुण जेटली अपने बजट भाषण में कहा कि गरीबों को मुफ्त डायलेसिस सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। किसानों को सही भुगतान के लिए ई-सिस्टम बनाया जाएगा। साथ ही कृषि के लिए क्लस्टर विकास योजना लागू हो गई है। वित्त मंत्री ने बजट में यह घोषणा की है कि सरकार का लक्ष्य हर राज्य में सरकारी मेंडिकल कॉलेज खोलने का है। नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद हर तीन संसदीय क्षेत्र में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज हो जाएगा।
– गंगा किनारे बसे गांवों में शौचालय बनवाने पर जोर।
– लघु और छोटे उद्योगों के लिए विशेष सहायता के तहत 3794 हजार करोड़।
– दलितों के लिए 56 हजार करोड़ का फंड। आदिवासियों के लिए 39,135 करोड़ का फंड
– 3600 किलोमीटर पटरियों का नवीनीकरण किया जाएगा।
– रेलवे की सभी पटरियों को ब्रॉड गेज में बदला जाएगा। सभी ट्रेनों में वाई-फाई और सीसीटीवी लगाए जाएंगे।
– लोककल्याणकारी योजनाओं पर अपना खर्च बढ़ाएगी सरकार।
– सरकार अगले तीन वर्षों के दौरान सभी कर्मियों के लिए ईपीएफ के तहत 12 फीसदी का कंट्रीब्यूशन देगी।
– वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े प्रोग्राम्स के लिए 1.38 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया।
– टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 7148 करोड़ रुपए का आवंटन, ताकि इस सेक्टर से जॉब का जेनरेशन हो सके।
– एजुकेशन क्वालिटी सुधारने के लिए टेक्नोलॉजी बड़ी भूमिका निभाएगी।
– हम एजुकेशन का डिजिटल विस्तार करेंगे। एजुकेशन में ब्लैकबोर्ड से डिजिटल बोर्ड लाएंगे।
– सरकार देश के 96 जिलों में 2600 अंडरग्रांउड वाटर इरीगेशन प्लान का आवंटन करेगी।
– वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े प्रोग्राम्स के लिए 1.38 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया।
– टीबी के मरीज को हर महीने 500 रुपए की मदद।
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना लाएगी सरकार। देश की 40 फीसदी आबादी को हेल्थ बीमा मिलेगा।
– अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख की मदद मिलेगी। तीन संसदीय क्षेत्र पर एक मेडिकल कॉलेज खोलेंगे।
– आयुष्मान भारत के तहत दो कार्यक्रमों की घोषणा।
– समार्ट सिटी मिशन के लिए सरकार 2.04 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी।
– मुद्रा लोन योजना के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार 3 लाख करोड़ रुपए का लोन देगी, ताकि अधिक से अधिक संख्या में नए आंत्रप्रेन्योर्स सामने आएं और रोजगार के अवसर निकलें।
3 संसदीय क्षेत्रों के बीच होगा 1 सरकारी मेडिकल कॉलेज
गरीबों को मुफ्त डायलेसिस सुविधा दी जाएगी। अरुण जेटली ने बजट भाषण में बताया कि कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। किसानों को सही भुगतान के लिए ई-सिस्टम बनाया जाएगा। साथ ही कृषि के लिए क्लस्टर विकास योजना लागू हो गई है। वित्तमंत्री जेटली ने बजट में यह घोषणा की है कि सरकार का लक्ष्य हर राज्य में सरकारी मेंडिकल कॉलेज खोलने का है। नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद हर 3 संसदीय क्षेत्र में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज हो जाएगा।
– प्रिंट नहीं करवाया बजट
पहली बार ऐसा हो रहा है कि बजट को सरकार द्वारा प्रिंट नहीं करवाया गया है। इसकी ऑनलाइन कॉपी सभी जगहों पर उपल्बध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस बार बजट का ज्यादातर भाग वित्तमंत्री द्वारा हिंदी में पढ़ा जाएगा। आपको बता दें कि यह मौजूदा सरकार का आखिरी और जीएसटी लागू होने के बाद पहला आम बजट होगा।
– बजट को कितना बदलेगा जीएसटी
जीएसटी के बाद बजट के किस तरह के बदलाव आएंगे? इस सवाल पर राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान की सलाहकार और अर्थशास्त्री राधिका पांडे ने कहा कि पहले यह जान लें कि आम बजट के अमूमन दो हिस्से होते हैं। पहले हिस्से में सरकार विभिन्न योजनाओं या स्कीमों के लिए लिए बजट राशि का आवंटन करती है। वहीं बजट के दूसरे हिस्से में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के प्रस्ताव की बात होती है। अब चूंकि जीएसटी में वैट, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स समेत एक दर्जन से ज्यादा अप्रत्यक्ष कर शामिल हो गए हैं तो सरकार के पास इनमें फेरबदल की गुंजाइश नहीं रह जाती, क्योंकि जीएसटी अब एक अलग कानून है और जीएसटी की दरों में बदलाव के लिए काउंसिल की मंजूरी जरूरी है। ऐसी स्थिती में सरकार के पास या तो जीएसटी से बाहर छूटे टैक्स कस्टम ड्यूटी आदि में कुछ बदलाव करने की गुंजाइश बचती है या फिर तंबाकू, पेट्रोल डीजल समेत ऐसी चीजें जो अभी जीएसटी के दायरे में नहीं हैं, उनमें कुछ बदलाव हो सकते हैं।
– सस्ता-मंहगा होगा फैक्टर
बजट के बाद आमतौर पर ज्यादातर लोगों की यह जिज्ञासा रहती है कि बजट के असर से कौन कौन सी चीजें सस्ती और महंगी हुईं। यह सस्ते महंगे की मूल वजह दरअसल अप्रत्यक्ष करों में बदलाव से जुड़ी होती है। अब जीएसटी लागू होने बाद ज्यादातर अप्रत्यक्ष करों में बदलाव की गुंजाइश खत्म हो गई है इसलिए सस्ता महंगा फैक्टर इस बार के बजट में कम दिखेगा।
नए कालेज और एकलव्य स्कूल खुलेगें
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े ऐलान किये। उन्होंने शिक्षा के स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता अभी भी बड़ी चुनौती है। जेटली ने बताया कि सरकार प्री नर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक को समग्र रूप से देखना चाहती हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो सके।
नए कॉलेज
इसके अलावा सरकार जिला स्तर के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को अपग्रेड कर 24 नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाएगी। सरकार प्रधानमंत्री रिसर्च फेलो स्कीम शुरू करेगी जिसमें 1000 बीटेक छात्र चुने जाएंगे और उन्हें आईआईटी से पीएचडी करने का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा प्लानिंग और आर्किटेक्चर के शुरू किए जाएंगे, साथ ही 18 नई आईआईटी और एनआईआईटी की स्थापना की जाएगी।
एकलव्य स्कूल
जेटली ने बताया कि ऐसे ब्लॉक जहां आदिवासियों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा होगी वहां आदिवासियों के लिए आवासीय एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। ये स्कूल नवोदय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय होंगे।
शिक्षा पर वित्तमंत्री की अन्य घोषणाएं :
अगले 4 साल में स्कूलों के इन्फ्रा पर 1 लाख करोड़ रुपए होंगे खर्च।
एसटी छात्रों के लिए बनेंगे एकलव्य स्कूल।
प्री-नर्सरी से 12वीं तक के एजुकेशन सिस्टम में होगा सुधार।
प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट के लिए खोले जाएंगे 2 नए स्कूल।
बीटेक छात्रों के लिए पीएम रिसर्च फेलो प्लान लॉन्च, हर साल 1000 छात्रों को मिलेगा फायदा।
13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य है।
इस लक्ष्य की राह में तकनीकी डिजिटल पोर्टल ‘दीक्षा’ से मदद मिलेगी
इंस्टिट्यूट्स ऑफ एमिनेंस स्थापित करने की योजना।
वडोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव।
आईआईटी और एनआईटी में 16 नए प्लानिंग ऐंड आर्किटेक्चर स्कूल ऑटोनोमस मोड में स्थापित होंगे।
नैशनल सोशल असिस्टेंट प्रोग्राम के तहत कई काम किए जा रहे हैं।
शिक्षकों का भी स्तर सुधारना
डिजिटल इंटेसिटीसिटी को बढ़ावा दिया जाएगा। एकीकृत बीएड कार्यक्रम भी होगा शुरू।
70 लाख नौकरियां देने का एलान
अरुण जेटली ने मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण आम बजट में 70 लाख नौकरियां पैदा करने की बात कही है। उन्होंने देश में शिक्षा सुधार को लेकर भी कई बड़े दावे किए हैं। वित्त मंत्री ने कहा है कि शिक्षा में सुधार के लिए अगले चार साल में एक लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने आदिवासियों के लिए बड़ा एलान करते हुए एकलव्य विद्यालय बनाने की बात कही है।
शिक्षा के लिए बजट में अन्य घोषणाएं:-
-प्री-नर्सरी से 12वीं तक के एजुकेशन सिस्टम में होगा सुधार।
-प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट के लिए दो नए स्कूल खोले जाएंगे।
-बीटेक छात्रों के लिए पीएम रिसर्च फेलो प्लान लॉन्च, जिससे हर साल 1000 छात्रों को फायदा मिलेगा।
इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं,मध्यम वर्ग मायूस
केंद्र सरकार ने बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में अपने पांचवें बजट में यह घोषणा की। सरकार के इस कदम से नौकरीपेशा लोगों को बड़ा झटका लगेगा। मौजूदा समय में ढाई लाख रुपए तक की सालाना आय टैक्स मुक्त है, जबकि ढाई से पांच लाख रुपए की आय पर पांच फीसदी की दर से टैक्स लगता है। इसके अलावा इस वर्ग में 2,500 रुपए की अतिरिक्त छूट भी दी गई है, जिससे तीन लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं, 10 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आमदनी पर अभी तक 30 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगता रहा है। इस बजट घोषणा के बाद मध्यम वर्ग मायूस है, क्योंकि चर्चाएं यह थीं कि सरकार आयकर छूट की सीमा बढ़ा सकती है।
–देश में नहीं चलेगी बिटकॉइन जैसी करेंसी
बजट भाषण में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर बड़ा एलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन लीगल नहीं है और अब सरकार इस पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। अरूण जेटली ने कहा, हम क्रिप्टो करेंसी को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाएंगे। हम पेमेंट सिस्टम के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देंगे। बता दें कि क्रिप्टो करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता और हाल ही में इसकी कीमत के जोरदार ऊंचाई पर जाने के बाद रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की तरफ से भी इसके जोखिमों को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। सरकार ने क्रिप्टो करेंसी के मामलों को देखने के लिए कमेटी भी बनाई है।