जबलपुर,पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिंहा ने आज यहां कहा कि केन्द्र सरकार अपना पांचवां पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। जब चार बजट में कुछ नहीं हुआ तो पांचवें में क्या होगा। इस बजट की मियाद खत्म होने से पहले ही लोकसभा चुनाव का माहौल खड़ा हो जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो अभी आर्थिक सर्वे आया है वह निराश करने वाला है। पिछले चार सालों में कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ हुआ ही नहीं तो आगे क्या कर लेंगे। अपने राष्ट्रीय मंच के बारे में उन्होंने कहा कि मंच की अवधारणा किसी सरकार के खिलाफ नहीं है, यह व्यवस्था के विरोध स्वरुप बनाया गया है। इसमें सभी दल, जाति और सम्प्रदाय के लोग हैं। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि केन्द्र की सरकार ने किसानों के हित में कोई भी काम नहीं किया जबकि अटल बिहारी सरकार ने किसानों का पूरा ख्याल रखा था। श्री सिंहा ने कहा कि हम किसी भी सरकार की गलत नीतियों का खुलकर विरोध करेंगे। नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गाडरवारा
के किसानों के साथ राज्य सरकार ने दमनात्मक कार्यवाही की है। एनटीपीसी के लिये अधिेग्रहित जमीन के किसानों को न तो पर्याप्त दिया गया और न ही वायदे के मुताबिक किसान परिवार के एक सदस्य को रोजगार। उन्होंने कहा कि पिछले दौरे पर किसानों के साथ मिलकर एक ज्ञापन सरकार के नुमाईदे को सौंपा था। ज्ञापन की मांगें मानने की बजाय सरकार मशीनरी ने किसानों को धरना स्थल से उठाकर ले गई, उनके साथ मारपीट की और थाने में बंद कर दिया। श्री सिंहा ने कहा कि इस बार मैं अपना सूटकेस साथ लाया हूं, किसानों की लड़ाई लडूंगा। मांगे नहीं मांगी गई तो मैं यहां से नहीं जाऊंगा, यानि इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। गाडरवारा के किसानों की जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक मैं यहां से नहीं जाऊंगा। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी का प्लांट अभी शुरु नहीं हुआ फिर भी खनन का कार्य धडल्ले से चल रहा है। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ कराये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा यह तब तक संभव नहीं है जब तक संविधान में संशोधन न हो। फिलहाल ऐसा होना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है।