लखनऊ,प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने कहा है कि माध्यमिक स्तर के सभी विद्यालय वाई-फाई होंगे तथा शिक्षा आयोग का गठन शीघ्र कर दिया जायेगा। अध्यापकों के रिक्त पदों पर भर्ती का कार्य पारदर्शी तरीके से होगा तथा किसी को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। उप मुख्यमंत्री आज यहां नगर निगम के सभागार में उ0प्र0 प्रधानाचार्य परिषद के 40वें अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सुखी मन शिक्षक, तनाव मुक्त विद्यार्थी तथा गुणवत्तापरक शिक्षा से ही समाज की दिशा और दशा को बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए कृत संकल्प है तथा इस कार्य में प्रधानाचार्यों की महती भूमिका है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के समय सरकार पर दबाव बनाने के लिए परीक्षा बहिस्कार करने का भय दिखाना किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि 06 फरवरी से होने वाली बोर्ड परीक्षा में सभी को पूरे मन से सहयोग करना चाहिए। प्रधानाचार्य परिषद द्वारा प्रस्तुत 26 सूत्रीय मांग पत्र के संबंध में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर सम्यक विचार कर सार्थक निर्णय लेगी।उधर,शर्मा ने कहा है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने की तैयारी पूर्ण कराने के बाद अब राज्य सरकार विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की भी परीक्षा नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए कृत संकल्प है। सी.सी.टी.वी. युक्त महाविद्यालयों को ही परीक्षा केन्द्र बनाया जायेगा तथा जिन महाविद्यालयों की प्रबन्ध समिति में विवाद है, उन्हें वर्ष 2018 में परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जायेगा।
उप मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान ये निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी कुलपति जिला प्रशासन के साथ बैठक कर नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए कार्य योजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि केन्द्रों के निर्धारण में पूरी पारदर्शिता तथा एकरूपता होनी चाहिए। केन्द्र निर्धारण में सबसे पहले राजकीय महाविद्यालयों तथा उसके बाद अशासकीय महाविद्यालयों को वरीयता दी जानी चाहिए। अंतिम विकल्प के रूप में ही स्वच्छ छवि वाले स्ववित्त पोषित महाविद्यालय को केन्द्र बनाया जाय। सभी कुलपति परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केन्द्रों का मानक के अनुरूप भौतिक सत्यापन अवश्य करा लें। राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव में किसी भी दशा में परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण न हो। संवदेनशील महाविद्यालयों की सूची जिला प्रशासन को पहले ही उपलब्ध करा दी जाय ताकि आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स की व्यवस्था की जा सके।