कोलकाता,पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सोमवार को रोडवेज की एक बस के नहर में गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि अब मृतकों की संख्या बढ़कर 42 हो चुकी है। सामने आया है कि यह हादसा ड्राइवर की लापरवाही की वजह से हुआ है। हादसे में जीवित बचे यात्रियों का कहना है कि ड्राइवर बस चलाने के दौरान मोबाइल पर बात कर रहा था। इस कारण अपने बाएं हाथ से ही वह स्टेयरिंग संभाल रहा था। इसीलिए संतुलन बिगड़ गया और बस ब्रिज को तोड़ते हुए नहर में जा गिरी। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह हादसा घने कोहरे के कारण हुआ। वहीं कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ की बात करती हैं, लेकिन वास्तविक तस्वीर कुछ और है। जिस ब्रिज पर हादसा हुआ, वहां राज्य सरकार टोल टैक्स लेती है। हम चाहते हैं पूरी घटना की जांच की जाए। बस हादसे के बाद बचाव टीम के मौके पर नहीं पहुंचने से स्थानीय लोग बेहद नाराज थे और गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन किया था, पुलिस बल पर हमला तक कर दिया था। नहर में गिरी बस को पांच क्रेनों की मदद से निकाला गया। बस में करीब 60 यात्री सवार थे। हालांकि आधिकारिक रूप से यात्रियों की संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है। ममता बनर्जी ने हादसे में मरने वालों के परिवार वालों को पांच लाख रुपए, जबकि गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। अन्य घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। उधर, पुलिस मामले की जांच को यात्रियों के बयानों के आधार पर आगे बढ़ाएगी। बता दें कि सोमवार को पश्चिम बंगाल राज्य परिवहन निगम की बस नदिया जिले में शिकारपुर से मालदा जा रही थी, जो पुल की रेलिंग को तोड़कर घोगरा नहर में गिर गई। मंगलवार को छह और शव मिलने से हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। इस हादसे में कुछ बस यात्री सुरक्षित बच गए हैं।