सोनीपत,अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने पहलवान की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए एक आरोपी को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद व 5.05 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनार्ई है। अदालत ने मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया। गांव पुरखास निवासी अशोक ने 6 अक्टूबर, 2012 को गन्नौर पुलिस को शिकायत दी थी कि उसका भाई अजीत (24) गांव के अखाड़े में पहलवानी करता था। वह हर रोज की तरह सुबह अखाड़े में अ यास करने के लिए उसके साथ निकला था। वह उससे थोड़ा आगे दौड़ लगा रहा था। उसी दौरान ज्वार के खेत से बाहर आए हमलावरों ने उसके भाई पर हमला कर दिया था। उस परं लोहे की राड से हमला किया गया था। जिससे उसका भाई घायल हो गया था। उसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया था। उसका सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें खुलासा हुआ था कि आरोपियों ने अजीत को गोली मारकर हत्या की गई है। अशोक ने आरोप लगाया कि उसके भाई का एक साल पहले गांव के ही भगत उर्फ भगता के साथ झगड़ा हो गया था। जिससे वह आपसी रंजिश रखने लगा था। रंजिश के कारण अपने साथियों के साथ मिलकर उसके भाई की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए पुरखास निवासी भगता, राहुल उर्फ सोनू उर्फ डोगा, मोहाना निवासी सुनील उर्फ सलीम व एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने मामले में भगता को गिर तार किया था। जिसने मामले में गांव कामी निवासी देवेंद्र उर्फ लीलू के हत्याकांड में शामिल होने का खुलासा किया था। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए देवेंद्र उर्फ लीलू को भी गिर तार कर लिया था। मंगलवार को मामले में सुनवाई के बाद एएसजे सुशील कुमार की अदालत ने देवेंद्र उर्फ लीलू को दोषी करार दिया है। अदालत ने राहुल उर्फ डोगा, भगता, सुनील उर्फ सलीम को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने दोषी को हत्या के मामले में उम्रकैद व पांच लाख रुपये जुर्माना व अवैध शस्त्र अधिनियम में एक साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोनों सजा एक साथ चलेंगी। जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।