कासगंज को लेकर सीएम योगी की चेतावनी, अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटेंगे

लखनऊ/कासगंज उत्तर प्रदेष में गणतंत्र दिवस के मौके पर साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में आये कासगंज में हालात मंगलवार को भी स्थिति तनावपूर्ण हैं। हिंसा की छिटपुट वारदात की खबर है। जबकि शहर में बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है और अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर मृतक चंदन गुप्ता की जगह कोई इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस होती। संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि अगर चंदन गुप्ता की जगह मोहम्मद इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस छिडती। हमें इस मनोवृत्ति को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कासगंज हिंसा सुनियोजित लगती है। समाज में इस तरह की घटनाओं में लिप्त किसी को भी योगी आदित्यनाथ सरकार बख्शेगी नहीं। उन्होंने कहा कि एक नौकरशाह ने भी ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे को लेकर कुछ टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा क्यों ना लगाया जाए जबकि पाकिस्तान हमारे सैनिकों को मारता है और वह सीमा पार से आतंकवाद फैलाने में शामिल है। विदित हो कि बरेली के जिलाधिकारी कैप्टर आर विक्रम सिंह ने अपनी फेस बुक वाल पर लिखा था कि इस तरह की घटनाओं से समस्याएं पैदा होती हैं और प्रदेश के विकास का काम अवरूद्ध होता है।
इस बीच भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा कि कासगंज की घटना दुखद है। उन्होंने कहा कि लगता है कि पाकिस्तान परस्त लोग आ गये हैं जो राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, वे पाकिस्तान के झंडे को स्वीकार कर रहे हैं। पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त होनी चाहिए। सरकार और सख्त कदम उठाये। कटियार ने कहा कि तिरंगा रैली निकाले जाने के दौरान भडकी हिंसा में मारे गये चंदन की पाकिस्तान समर्थकों ने हत्या की है।
उधर, ताजा घटनाक्रम में एक दुकानदार के स्टोर को कल रात आग लगा दी गयी। इस बीच सोशल मीडिया पर जिस राहुल उपाध्याय की मौत की खबर वायरल हो रही थी, उसका खंडन करते हुए खुद राहुल ने कहा कि वह हिंसा के समय कासगंज में नहीं था। राहुल ने कहा कि उसके किसी दोस्त ने इस अफवाह के बारे में उसे सूचित किया। वहीं पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों पर रासुका लगायी जाएगी। हिंसा में कथित भूमिका के लिए सौ से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है। जिला प्रशासन ने एक शांति समिति बनायी है। वह तनावग्रस्त इलाकों में घूम रही है और जनता से आग्रह कर रही है कि वह अफवाहों पर ध्यान ना दे।

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