रेप पर फांसी का विधेयक दिखावा,MP में नहीं रुकीं घटनाये -कांग्रेस

भोपाल,कांग्रेस ने आज कहा की मध्यप्रदेश में नाबालिगों के साथ बलात्कार की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है,जबकि विधानसभा में ऐसे मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा दिये जाने का विधेयक पारित किया गया है। आरोपी वारदात कर बेखौफ हो जाते हैं,उन्हें कानून का कोई डर या दहशत नहीं रह गया है। प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में एनसीआरबी के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा की जहां वर्ष 2016 में 4882 बलात्कार की घटनाऐं और औसतन प्रतिदिन 13 बलात्कार प्रदेश में हो रहे हैं, यानि प्रति पौने दो घंटे में बलात्कार की एक घटना को अपराधी बेखौफ अंजाम दे रहे हैं। वर्ष-2016 में ही 7237 लड़कियों का अपहरण हुआ है और इस मामले में मप्र 04 स्थान पर है। जो देश भर में होने वाले इस तरह के अपराधों का 8.1 फीसदी है।
मिश्रा ने तंज कसा की स्वर्णिम मप्र अब अपराधियों के अभ्यारण में तब्दील हो चुका है। यही नहीं रविवार को पन्ना जिले के बमुरहा गांव अपराधियों ने पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर वर्दी और डायल-100 छीनकर किये गये छात्रा के अपहरण ने कांग्रेस के उक्त आरोप को न केवल पूर्णतः साबित कर दिया है, बल्कि ‘‘महिलाओं और आमजनों की सुरक्षा करने वाली पुलिस की सुरक्षा पर भी एक सवालिया निशान लगा दिया है?’’ महिला सुरक्षा पर उदाहरण पेश करते हुए मिश्रा ने कहा की 21 दिसम्बर, 2017 को रतलाम जिले के जावरा में हुसैन टेकरी के पीछे वाल्मीकी समाज से संबद्ध एक विवाहिता के साथ चार आरोपियों ने देशी कट्टा अड़ाकर न केवल गैंगरेप किया, बल्कि उसका पर्स भी लूटकर भाग गये। कांग्रेस पार्टी के दबाव के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया है, किंतु स्थानीय सत्तारूढ़ दल के दबाव में चौथे आरोपी को पुलिस एक माह से अधिक बीत जाने के बावजूद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। आरोपियों को सजा दिलवाना तो दूर स्थानीय पुलिस और आरोपीगणों के रिश्तेदार मिलकर पीडि़ता से समझौते की पेशकश भी कर रहे हैं । जबकि इस मामले में स्थानीय राजनैतिक दबाव के कारण आरोपियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने दी जा रही है। उन्होंने कहा की कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने मामले में व्यक्तिगत रूचि लेकर पार्टी की प्रदेश महामंत्री डॉ. शशि राजपूत को इस समूचे मामले में पीडि़ता को सहयोग कर उसे न्याय दिलाने हेतु जावरा भेजे जाने के निर्देश दिये, जिन्होंने वहां जाकर पीडि़ता के परिजनों और पुलिस पर दबाव बनाकर तीन आरोपियों को न केवल गिरफ्तार करवाया, बल्कि जेल भी भिजवाया। यही नहीं जिला और पुलिस प्रशासन के असहयोग के चलते पीडि़ता को इलाज के लिए उज्जैन के शासकीय अस्पताल में भर्ती भी करवाया। पीडि़ता द्वारा दर्ज करायी गई एफआईआर में उल्लेखित चौथे ओरापी को एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस राजनैतिक दबाववश गिरफ्तार नहीं कर पायी है, ऐसा क्यों? बलात्कार/ सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को फांसी दिये जाने हेतु लाया गया विधेयक क्या ऐसे ही साकार होगा?
इसी तरह का एक मामला देवास जिले के खातेगांव का भी है, जिसमें दो आरोपियों के सहयोग से एक आरोपी ने युवती के साथ बलात्कार किया, कुछ दिनों पूर्व पीडि़ता न्याय की गुहार लगाने के लिए राजधानी भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची, किंतु मुख्यमंत्री द्वारा यह कहे जाने के बाद कि ‘मुझे अभी मिलने का समय नहीं है,’ मुख्यमंत्री के इस कथन को सुनते ही वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने उसे बेइज्जत कर धक्के मारकर बंगले से बाहर कर दिया, उससे दोहरी अपमानित पीडि़ता ने मुख्यमंत्री निवास के प्रवेश द्वारा नं0 02 के पास ही सल्फास खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने की कोशिश की, जिसे लगभग नौ दिन तक हमीदिया अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। उन्होंने कहा इस विधेयक के पारित होने के बाद सरकार आरोपियों को सजा चेहरे देखकर करवाने का प्रयास कर रही है, जो विधेयक की पवित्र मंशाओं के साथ सरकार का एक बड़ा धोखा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *