RSS देश में घट रहे स्त्री-पुरूष के अनुपात पर चिंतित,दुर्दशा पर हो ध्यान

नई दिल्ली,देश में घट रहे स्त्री-पुरूष के अनुपात पर चिंता जताते हुए आरएसएसएस के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि इस समस्या पर सोचे बिना स्त्री शक्ति की अवधारणा को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। देश में महिलाओं की स्थिति पर अपनी वेदना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि महान परंपराओं के बावजूद हमारे देश में आज भी करीब 40 प्रतिशत मलिाएं साक्षर नहीं है। तो महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा एनीमिया जैसी बीमारी से पीड़ित है। उन्होंने महिलाओं की दुर्दशा पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही है। भगवा परिवार की महिला चिंतकों के जरिए भारतीय विचार और व्यवहार में स्त्री शक्ति विषय पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए कृष्ण गोपाल ने अपनी वेदनाएं प्रकट की। उन्होंने कहा कि कोई समाज कितना सभ्य है, उसकी परख उस समाज में स्त्रियों के प्रति व्यवहार से होती है। छह-सात सौ वर्षों को छोड़ दें तो भारतीय समाज में स्त्री और पुरूष को लेकर कभी भेदभाव नहीं रहा। संघ सहसरकार्यवाह ने पद्मावत फिल्म को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि इन दिनों राजपूत महिलाओं के जौहर की काफी चर्चा है। फिल्म को देखकर बन रही गलत धारणा को स्पष्ट करते हुए कृष्ण गोपाल ने कहा कि जौहर को महिलाओं का दहन बताना एक महान परम्परा का अपमान है। उन्होंने कहा कि इस बात के ऐतिहासिक प्रमाण हैं कि पूरी दुनिया में विजेता सेनाएं हारी हुई सेनाओं की महिलाओं को जीतकर ले जाती रही हैं। लेकिन भारतीय महिलाओं ने विजेता सेनाओं के साथ जाने की बजाय जौहर करना ज्यादा उचित समझा। सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम ने कहा कि महिलाओं की समानता को लेकर बात तो की जाती है, लेकिन हकीकत में समानता से ज्यादा महिलाओं को सम्मान की जरूरत है। अगर एक बार महिलाओं को सम्मान मिला तो फिर समानता की बात नहीं रह जाएगी। इस पर, देश की मशहूर नृत्यांगना सोनल मान सिंह ने कहा कि जो महान है, वही महिला है। महिलाओं में ही शक्ति है कि वह तमाम चुनौतियों से जूझते हुए परिवार, समाज और देश को धारण कर सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *