नई दिल्ली,गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र की ओर से प्रस्तुत ‘छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक समारोह’ की झांकी को राष्ट्रीय स्तर का पहला पुरस्कार दिया गया है. रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के हाथों महाराष्ट्र सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के निदेशक संजय पाटील ने उक्त पुरस्कार स्वीकार किया. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और 10 आशियान (ASEAN) देशों के प्रमुखों की उपस्थिति मे 69 वा गणतंत्र दिवस पुरे उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तों ने अपनी-अपनी संस्कृति का दर्शन करने वाली झांकियां प्रस्तूत की. 14 राज्य एवं केन्द्रीय मंत्रालय के 9 दस्तों ने अपने प्रदर्शन किये. इस समय महाराष्ट्र के दस्ते की ओर से प्रस्तूत किये गए ‘छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक समारोह’ की झांकी को सब से उत्तम आँका गया. यहाँ के कैंटोनमेंट क्षेत्र में रंगशाला में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में रक्षा मंत्री के कर कमलो से उक्त पुरस्कार राज्य को देकर गौरवान्वित किया गया. मानपत्र और कप के स्वरुप यह पुरस्कार दिया जाता है. इस अवसर पर प्रा. नरेन्द्र विचारे, कला निदेशक नितिन देसाई तथा अन्य मान्यवर उपस्थित थे. असम राज्य को दूसरा जबकि छत्तीसगढ़ को तीसरा पुरस्कार दिया गया.
इससे पहले भी 1980 में शिवाभिषेक की झांकी को पहला पुरस्कार दिया गया था. वर्ष 1983 में बैलों के सन “बैल पोला’ के प्रदर्शन को भी पहले इनाम से नवाज़ा गया था. 1993 से 1995 तक लगातार तीन वर्षो तक महाराष्ट्र को पहला पुरस्कार मिलता रहा है जबकि वर्ष 2015 में ‘पंढरीची वारी” अर्थात पंढरपुर की यात्रा के दिखावे को सर्वश्रेष्ठ आँका गया था और प्रथम पुरस्कार दिया गया था. इस साल शिवाभिषेक झांकी बनाने के काम में प्रसिद्ध कला दिग्दर्शक नितिन देसाई ने मुख्य भूमिका निभाई. इस की संकल्पना एवं निर्माण की जवाबदेही जे जे स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के निवृत्त प्राध्यपक नरेन्द्र विचारे की थी. रथ में शिवराज्याभिषेक समारोह दर्शाने हेतु शिवाजी महाराज के साथ ही उनकी माता जिजाऊ, सोयराबाई, संभाजी राजे भी अन्य 10 पात्रों में उपस्थित थे. मुंबई के भेरी भवानी समूह के कलाकारों ने ये भूमिकाएँ निभाई.
नागपुर दक्षिण -मध्य केंद्र को पहला पुरस्कार
राजपथ के पथ संचलन में विभिन्न कार्यक्रम पेश किये जाते है. इनमे राज्य के संकृति मंत्री की अध्यक्षता में चलने वाले दक्षिण-मध्य सांस्कृतिक केंद्र को प्रथम पुरस्कार दिया गया. इस केंद्र के निदेशक इन्द्रजीत ग्रोवेर ने यह पुरस्कार स्वीकारा. इस केंद्र द्वारा मध्यप्रदेश के सागर जिले के बरेदी लोकनृत्य की झांकी परेश की गई थी.