जबलपुर,नगर निगम द्वारा अब निगम सीमा में बिना अनुमति के घरों के भीतर या बाहर पशुओं को पालना प्रतिबंधित किया जा रहा है। आवारा घूमने वाले पशु एवं जानवरों का नियमन एवं निषेधित करने के लिये जो उपविधियॉं बनायी गयी हैं उनको शासन से मंजूरी भी मिल गयी है तथा इन नियमों को अब लागू किया जा रहा है। नगर निगम की सीमा क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम या उसके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी की लिखित अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति किसी भी पशु पालन या जानवरों का पालन घर में या घर के बाहर नहीं कर सकेगा।
यदि कोई व्यक्ति या संस्था पशुपालन पालन करना चाहती है तो वह नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में या संबंधित संभाग में लिखित रूप में निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र के साथ अन्य जो भी जानकारी चाही जायेगी उसे पशुपालक को उपलब्ध कराना होगा। जैसे कि पशु या जानवर का नियत समय एवं अवधि में वैक्सीनेशन एवं बीमा आदि कराया जाना आवश्यक होगा एवं ऐसा पशु या जानवर किसी भी संक्रमण रोग से ग्रसित नहीं होना चाहिए। निगमायुक्त द्वारा समय समय पर ऐसे पालतू पशु एवं जानवरों को रखने की अनुमति प्रदान किये जाने के बाद प्रतिवर्ष संबंधित व्यक्ति या संस्था को निर्धारित शुल्क अदा करना होग एवं ऐसे पालतु पशु या जानवर की मृत्यु होने पर उसे म.प्र. नगर पालिक अधिनियम १९५६ के २२वें अध्याय के अनुसार कार्यवाही करनी होगी एवं यदि ये कार्यवाही नहीं की जाती है तो उसे नगर निगम द्वारा निष्पादित किया जायेगा, जिसका निगमायुक्त के द्वारा निर्धारित किया जायेगा।
किसी भी पशु या पक्षी के मालिक को यह अधिकार नहीं रहेगा कि वह ऐसे पशु पक्षी को सार्वजनिक स्थल पर आवारा या खुला छोड़ दे यदि संस्था किसी भी पशु या पक्षी को सार्वजनिक स्थल पर खुला छोड़ते पाया गया तो नगर निगम द्वारा ऐसे पशु या पक्षी को पकड़कर निर्धारित एवं सुरक्षित स्थान पर रखा जावेगा एवं संबंधित व्यक्ति या संस्था से 1 हजार रूपये से 5 हजार रूपये अर्थदंड वसूल किया जावेगा एवं जितने दिन पशु या पक्षी को ऐसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है तो उसके लिये एक हजार रूपये का अर्थदंड प्रतिदिन की दर से भरण पोषण एवं प्रदान की गई सुरक्षा के लिए देना होगा। यदि ऐसे किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा आरोपित शुल्क जमा नहीं किया गया तो ऐसे पशु या पक्षी को सार्वजनिक नीलामी द्वारा विक्रय कर दिया जावेगा एवं संबंधित व्यक्ति या संस्था के विरूद्ध विशेष नगर निगम न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष अभियोजन चालाना प्रस्तुत किया जा सकेगा।
सुअरों को आवारा छोडना प्रतिबंधित
नगर निगम सीमा के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति या संस्था को ऐसे पशु या पक्षी रखने की अनुमति प्रदान की जाती है तो वह उसे बांधकर खुली जगह पर घुमा सकेगा किन्तु किसी भी स्थिति में उसे किसी भी सड़क पटरी या रहवासी खुली सार्वजनिक जगह पर आवारा नहीं छोड़ेगा। सुअर पालने या आवारा छोड़ना पूर्णतः प्रतिबंधित एवं निषेधित रहेगा।
सिर्फ दो पशुओं की अनुमति दी जायेगी
नगर निगम द्वारा किसी भी स्थिति में दो से अधिक दूध देने वाले पशुओं को रखने की अनुमति नहीं दी जावेगी एवं ऐसे दूध देने वाले पशु को किसी भी स्थिति में आवारा नहीं छोड़ा जावेगा एवं उसके रहवास के स्थल को जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ना हो उस स्थान पर रखा जावेगा एवं संक्रमण रोग के रोकथाम के लिए समस्त आवश्यक कार्यवाही एवं सुविधायें उपलब्ध रखने की जवाबदारी ऐसे व्यक्ति या संस्था की होगी जिसने विधिवत् अनुमति दी गयी है।
जबलपुर में निगम की सीमा में दो से अधिक पशु नहीं पाल सकेंगे
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