लखनऊ, सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु यूपी में देश की अनेक ख्याति प्राप्त कम्पनियाॅ उत्सुक है। 1000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा क्रय हेतु टैरिफ आधारित ई-बिड में 40 से अधिक कम्पनियों ने हिस्सा लिया है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी संख्या में कम्पनियों द्वारा दिखाई गयी रूचि को देखकर यह लग रहा है कि भविश्य में सौर ऊर्जा की अनेक परियोजनायें प्रदेष में स्थापित हो सकेगी।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा, एवं अतिरिक्त ऊर्जा श्रोत आलोक कुमार ने बताया है कि सौर ऊर्जा नीति 2017 लागू की गयी है। इस नीति के अन्तर्गत 2022 तक लगभग 10700 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य है, जिसमें से 6400 मेगावाट क्षमता के यूटीलिटी स्केल ग्रिड संयोजित सौर पावर परियोजना की स्थापना का लक्ष्य है।
सौर ऊर्जा नीति 2017 के क्रियान्वयन के क्रम के प्रथम चरण में 1000 मेगावाट क्षमता के सौर पावर क्रय हेतु 8 जनवरी 2018 को टैरिफ आधारित ई-बिड का आमंत्रण किया गया। बिडिंग प्रक्रिया का सम्पादन यूपीनेडा जोकि प्रख्यापित सौर ऊर्जा नीति-2017 के क्रियान्वयन हेतु नामित नोडल एजेन्सी है, के द्वारा किया जा रहा है। आमंत्रित की गयी बिड के सम्बन्ध में 22 जनवरी को यूपीनेडा मुख्यालय पर प्री-बिड मीटिंग आहुत की गयी। उक्त प्री-बिड मीटिंग में 40 से अधिक इच्छुक बिडिंग कम्पनियों ने हिस्सा लिया जिसमें मुख्यातः मैसर्स अडानी पावर, मैसर्स एस्सल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स, मैसर्स एक्मे सल्यूषनस, मैसर्स रेन्यू पावर, मैसर्स सुखबीर एग्रो, मैसर्स एज्योर पावर इत्यादि है। प्री-बिड मीटिंग में इच्छुक भावी बिडिंग कम्पनी द्वारा बिड डाक्यूमेंट एवं माडल पीपीए के सम्बन्ध में चर्चा की गयी एवं सूचित किया गया कि बिड सम्बन्धी सभी जानकारी यूपीनेडा की बेवसाईट पर उपलब्ध करायी जायेगी।
इस सम्बन्ध में यह भी उल्लेखनीय है कि 21 फरवरी 2018 से 23 फरवरी 2018 तक आयोजित होने वाले यूपी इन्वेस्टर समिट में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रही मुख्य कम्पनी मैसस्र अज्योर पावर, एस्सल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स, मैसर्स सुखबीर एग्रो, मैसर्स अडानी पावर, मैसर्स एम्पल्स सौल्यूषन्स एवं मैसर्स क्लीन मैक्स द्वारा प्रदेष में 5000 करोड़ से अधिक के निवेष का प्रस्ताव दिया गया है। जिसके क्रम में मेमोरेन्डम आॅफ अन्डरस्टैण्डिंग (एम0ओ0यू0) निश्पादन की कार्यवाही भी की जा रही है।