नई दिल्ली, बैंकों की सेहत बेहतर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने रिकैपिटलाइजेशन लोन देने की घोषणा की थी। इस संबंध में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रेसवार्ता की।सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की न सिर्फ जिम्मेदारी तय की,बल्कि आम आदमी के पैसे की सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएसयू बैंकों की वित्तीय सेहत को बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है। पिछले दिनों बैंकों में जमा आम आदमी के पैसे की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए गए, इसके बारे में बताया गया कि आम आदमी का पैसा सुरक्षित है। बताया गया कि आम आदमी के पैसे की सुरक्षा के लिए सरकार हमेशा तत्पर रहेगी और किसी भी तरह से आम आदमी के पैसे पर आंच नहीं आने दी जाएगी। सरकार ने भरोसा दिलाया कि कोई भी सरकारी बैंक दिवालिया नहीं होगा। इसके लिए बैंकों को मजबूत किया जाएगा। इस प्रेस कांफ्रेंस में वित्तमंत्री अरुण जेटली और उनके साथ आए अधिकारियों ने सरकारी बैंकों की भूमिका तय की। इसमें आम आदमी को सुगम बैंकिंग सहित अन्य सुविधाएं देने के लिए बैंकों को प्रतिबद्ध किया गया। यह प्रेस वार्ता बैंकिंग रिफॉर्म्स फॉर न्यू इंडिया शीर्षक से की गई। इसमें पूरी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सरकारी बैंकों को जिम्मेदार बनाने पर बातों के बारे में चर्चा की गई।
इस चर्चा में बताया गया कि बैंकों को अपने ग्राहकों और उनकी बैंकिंग लेनदेन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान करना होगा। उन्हें अपने ग्राहकों के प्रति जवाबदार बनना होगा और उनकी हर समस्या का समाधान करना होगा। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को हिदायत दी कि वह अपने ग्राहकों को होम बैंकिंग की सेवा दें। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की खातिर खास इंतजाम करें। सरकार ने बैंकों को नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों को उन क्षेत्रों में भी अपनी सेवा शुरू करने के लिए कहा है,जो अभी बैंकिंग दायरे से बाहर हैं। सरकार ने बैंकों को अंडर सर्व्ड रीजन में के लोगों को बैंकिंग से जोड़ने के लिए कहा है। सरकार ने बैंको को हिदायत दी है कि बैंक एमएसएमई के मित्र बनें और उनके लिए सस्ता कर्ज सहित अन्य सेवाएं मुहैया करवाएं। ताकि देश में छोटे कारोबारियों को बढ़ावा मिल सके।