इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप होगी अनिवार्य,करिक्युलम में भी होगा बदलाव

नई दिल्ली,इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स इस साल से किताबों के अलावा प्रयोग और फील्ड विजिट कर एक्सपीरिंयस हासिल करने में भी वक्त बिताएंगे। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने इनके लिए मॉडल करिक्युलम जारी किया है। इसमें इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि स्टूडेंट समाज की जरूरतों को समझें और प्रायोगिक ज्ञान भी हासिल करें। साथ ही एआईसीटीई ने मैनेजमेंट स्टूडेंट्स के लिए भी मॉडल करिक्युलम बनाया है। यह इसी साल से लागू होगा। सभी इंजीनिरिंग कॉलेजों ने इसे लेकर सहमति भी जताई है। अब बीटेक में स्टूडेंट्स के लिए 220 क्रेडिट पॉइंट को घटाकर 160 क्रेडिट कर दिया गया है। एआईसीटीई चेयरमैन अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि इससे स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल का और अनुभव हासिल करने का ज्यादा मौका मिलेगा। पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स में भी, जो दो साल का होता है, एक साल की पढ़ाई रखी गई है और एक साल प्रैक्टिकल का होगा। इसमें स्टूडेंट्स इंडस्ट्रीज और सोसाइटी में जाकर प्रैक्टिकल अनुभव लेंगे। मॉडल करिक्युलम में सभी स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप कम्पल्सरी की गई है। सेकंड सेमेस्टर के बाद समर वकेशन में 4-6 हफ्ते की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग होगी। चौथे सेमेस्टर के बाद समर वकेशन में भी 4-6 हफ्ते की इंटर्नशिप होगी, जो इंडस्ट्री, सरकारी या गैर सरकारी इंस्टिट्यूशन के साथ हो सकती है। छठे सेमेस्टर के बाद समर वकेशन में 6-8 हफ्तों की इंटर्निशिप होगी, जिसमें प्रॉजेक्ट वर्क भी करना होगा। आठवें सेमेस्टर में भी प्रॉजेक्ट वर्क होगा। इंटर्नशिप अधिकतम 14 क्रेडिट की होगी। यह फुलटाइम भी हो सकती है और पार्टटाइम भी। एक क्रेडिट 40-45 घंटे काम का होगी। कम्युनिटी सर्विस में लोकल स्कूल को अच्छा रिजल्ट हासिल करने और एनरोलमेंट बढ़ाने में मदद, गांव वालों की इनकम बढ़ाने के लिए प्लान तैयार करना, वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम बनाने, टूरिजम बढ़ाने के लिए नए प्रयोग करने जैसे काम इसमें शामिल हो सकते हैं। टेक्निकल टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए भी नेशनल पॉलिसी का ड्राफ्ट बनाया गया है। इसे अगले महीने एआईसीटीई को सौंपा जाएगा। इसमें कहा गया है कि टेक्निकल टीचर्स को ड्यूटी जॉइन करने से पहले एक साल की ट्रेनिंग जरूरी होगी। साथ ही सर्विस के दौरान भी ट्रेनिंग का प्रावधान है। नेशनल पॉलिसी को लागू करने के लिए एक नेशनल एपेक्स बॉडी बनाने का प्रस्ताव है। इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की क्वॉलिटी को लेकर कई बार इंडस्ट्री की तरफ से भी सवाल उठाए गए हैं। जिसके बाद यह प्लान तैयार किया गया कि करिक्युलम अपडेट किया जाए, साथ ही टीचर्स ट्रेनिंग पर भी फोकस किया जाए।

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