परकोटे के बरामदे ऊपर से सुंदर,अंदर से जर्जर

जयपुर,परकोटे के बाजारों में खरीदारी करने जा रहे शहर के लोग और यहां की विरासत को निहार रहे पर्यटक बाजारों में बने बरामदों को मजबूत समझने की भूल न करें। यह भूल उनकी जान पर भारी पड सकती है, क्योंकि परकोटे के बरामदे ऊपर से स्मार्ट अंदर से जर्जर है। परकोटे में मेट्रो काम के चलते छोटी और बडी चौपड पर 200 से अधिक बरामदे क्षतिग्रस्त हो गए थे।
नगर निगम ने इन बरामदों की उचित मरम्मत कराने की बजाय स्मार्ट सिटी के पैसे से इन्हें ऊपर से चमका दिया है जबकि अंदर से बमरादेअभी भी जर्जर अवस्था में है। सहीं मरम्मत के अभाव में यह बरामदे कभी भी दरक सकते है। नगर निगम की छोटी सी भूल कभी भी सैकडो जानों पर भारी पड सकती है। छोटी और बडी चौपड पर मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए भारी मशीनों से गहरी खुदाई की गई थी। इसके कंपन के कारण छोटी और बडी चौपड के दोनो ओर की 100 100 दुकानों के बरामदों में दरारे आ गई थी इन बरामदों की छत एक ओर तो दुकानों पर टिकी है वहीं दूसरी ओर यह पत्थर के पायों पर टिकी है। खास बात यह है कि इन बरामदों का निर्माण बिना नींव के किया गया था खुदाई के कारण बरामदों की छत दुकानों के आसपास से तो खिसकी ही, अधिकांश पाए भी कंपन से हिल गए थे। बरामदों की मरम्मत के बारे में हमने निगम के मुख्य अभियंता अनिल सिंघल से जानकारी चाही तो उनका कहना था कि परकोटे में स्मार्ट सिटी काम करवा रहा है और इन सवालों की जानकारी स्मार्ट सिटी के सीईओ रवि जैन देंगे जब हकीकत यह है कि सिंघल खुद निगम के मख्य अभियंता के साथ साथ स्मार्ट सिंटी के तहत हो रहे सिविल कार्य भी करवा रहे है। उधर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ रवि जैन हमेशा अपनी जवाबदेही से बचने में लगे रहते है और हमेशा तथ्यात्मक जानकारी देने से परहेज करते है।

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