नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर सर्वाजनिक टीका-टिप्पणी करना विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगडिय़ा तथा भारतीय मजदूर संघ के ब्रजेश उपाध्याय को महंगा पड़ सकता है। मोदी पर खुलेआम आरोप लगाने से भाजपा की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बुरी तरह बिफर गया है। ऐसे संकेत मिले हैं कि संघ ने इन तीनों के पर कतरने शुरू कर दिए हैं। गुजरात के झगड़े को दिल्ली ले जाने से संघ तोगडिय़ा से नाराज है। विहिप की बागडोर चंपत राय को सौंपे जाने की सम्भावना है। तोगडिय़ा ने गुजरात में उन पर हमला होने और मोदी से उनकी जान को खतरा होने का गंभीर आरोप मीडिया के समक्ष लगाया था। संघ के सूत्रों ने बताया कि मोदी पर तोगडिय़ा का गुस्सा नया नहीं है, बस उन्होंने यह करते हुए अनुशासन की सीमा लांघ दी। ब्रजेश उपाध्याय इसलिए संघ की आंख की किरकिरी बन गए हैं, क्योंकि उन्होंने दिल्ली में संपन्न मजदूर संघ के सम्मेलन में यह कह दिया था कि श्रमिकों की मांगों के प्रति उदासीनता बरते जाने पर 2004 के शाइनिंग इंडिया जैसी हालत कर देने की बात कही थी। इन सब बातों को संघ ने गंभीरता से लिया है। सूत्रों ने कहा कि संघ नेताओं को इस प्रकार की बयानबाजी से बचना चाहिए। संघ में अनुशासनात्मक कार्रवाई किसी राजनीतिक दल की भांति नहीं होती। उसके लिए संघ की अलग ही नीति है। उसके अनुसार इन दोनों को सक्रिय कामकाज से हाशिये पर ले आया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि तोगडिय़ा फिलहाल अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष होने से उन पर देश के कामकाज की जिम्मेदारी नहीं है। माना जा रहा है कि मोदी पर टीका करने के बाद उन्हें इस पद से कार्यमुक्त किया जा सकता है।