वीआईपी मोबाइल नंबर वालों से हो रही जालसाजी!

भोपाल,सायबर सेल पुलिस ने गुजरात के वापी इलाके से एक ऐसे शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है जो रिलायंस कम्युनिकेशन की व्हीआईपी नंबर की सिम अवैध रूप से एयरटेल कंपनी में पोर्ट कराकर गुजरात में इस्तेमाल कर रहा था। साइबर पुलिस को रिलायंस कम्युनिकेशन के एक दर्जन से अधिक सिम धारकों से शिकायत मिली है कि उनके मोबाइल नंबर उनकी अनुमति के बगैर अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों में अवैध तरीके से यूपीसी कोड प्राप्त कर अन्य लोगों को पोर्ट किए जा रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट के तहत धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था।
सायबर पुलिस के मुताबिक रिलायंस कम्युनिकेशन की व्हीआईपी मोबाइल नंबर की सिम इस्मेमाल करने वाले एक ग्राहक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी जानकारी के बिना किसी ने उनके व्हीआईपी मोबाइल नंबर की सिम अवैध रूप से यूपीसी कोड हासिल कर गुजरात में एयरेटल कंपनी में पोर्ट करा ली है। सायबर पुलिस ने वर्तमान इस्तेमाल करने वालों की जानकरी जुटाकर विगत 20 जनवरी को वापी गुजरात से कमलेश तिवारी (43) निवासी वापी गुजरात को गिर तार कर लिया। आरोपी ने प्राइम व्हीआईपी नंबर की चाह में अधिक पैसे चुकाकर यूपीसी का उपयोग कर सिम प्राप्त की थी।
साइबर क्राइम पुलिस भोपाल को रिलायंस कम्युनिकेशन के एक दर्जन से अधिक सिम धारकों से शिकायत मिली है कि उनके मोबाइल नंबर उनकी अनुमति के बगैर अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों में अवैध तरीके से यूपीसी कोड प्राप्त कर अन्य लोगों को पोर्ट किए जा रहे हैं। क्योंकि वर्तमान समय में मोबाइल नंबर का इस्तेमाल बैंक खातों, सोशल मीडिया, आधार नंबर, ईमेल आईडी, इनकम टेक्स आदि सेवाओं से लिंक होता है इसलिए इससे गंभीर अपराध घटित होने की संभावना बढ़ गई है।
-ट्राई व टर्म को लिखे पत्र
साइबर पुलिस ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए सभी सेवा प्रदाता कंपनियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। अवैध रूप से यूपीसी कोड का इस्तेमाल कर अन्य ग्राहकों को सिम प्रदाय करने वाली जवाबदेह दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सायबर क्राइम पुलिस ने टीआरएआई व टीईआरएम को पत्र लिखे हैं। इस संबंध में दूरसंचार विभाग और टर्मसेल मध्य प्रदेश को भी पत्र लिखकर आगाह किया गया है कि इस तरह की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं और ऐसी दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *