वाशिंगटन,एक स्टडी में साबित हुआ है कि फ्लू से पीड़ित किसी व्यक्ति का सांस लेना ही उसके आस-पास के लोगों को बीमार बना सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि उनकी सांस के साथ भी फ्लू के लिए जिम्मेदार वाइरस इंफ्लूएंजा बाहर आता है और अन्य लोगों की बीमारी का कारण बन सकता है।अब तक माना जाता था कि फ्लू के पेशंट के छींकने और खांसने से ही पास बैठे लोगों में इसके वाइरस जाते हैं। शोध को लीड करने वाले यूएस स्थित यूनिवर्सिटी मैरीलैंड के प्रफेसर डॉनल्ड मिल्टन के अनुसार, ‘अपनी रिसर्च के दौरान हमने पाया कि फ्लू के पेशंट के आस-पास के वातावण में इंफेक्शन फैलानेवाले वाइरस सक्रिय होते हैं। इसका कारण खोजने पर सामने आया कि यह पेशंट की सांस के साथ हवा में फैलते हैं। केवल मरीज की खांसना और छींकना ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।’ मरीज की बीमारी और इंफेक्शन फैलने की तीव्रता के बारे में डॉनल्ट आगे बताते हैं ‘फ्लू के पेशंट के शरीर में इंफेक्शन फैलानेवाले एयरॉसल्स जनरेट होते हैं। ये उस वक्त भी पैदा होते हैं जब वह खांस या छींक नहीं रहा हो। ऐसा खासतौर पर बीमारी के पहले दिन होता है। एयरॉसल्स पानी की बेहद महीन बूंदें होती हैं जो लंबे समय तक हवा में मौजूद रहती हैं। ऐसे में अगर किसी को इंफ्लूएंजा की दिक्कत हो तो ऐसे लोगों को घर जाकर आराम करना चाहिए। वर्कप्लेस और पब्लिकप्लेस पर ज्यादा देर न रहें। ऐसे में दूसरे लोगों को भी इंफेक्शन लग सकता है।’ यह रिसर्च हाल ही ‘प्रसीडिंग्स ऑफ नैशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश हुई है।’ शोधार्थियों ने इस रिसर्च के दौरान फ्लू के 142 मरीजों पर स्टडी की।