पटना,बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव बकसर में नंदन गांव के दौरे पर गए थे। यह वही गांव है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज महादलित समाज के लोगों ने पथराव किया था। आरजेडी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार पर हमला करने वाले इन महादलित परिवारों को उनके जाने के बाद से पुलिसिया कहर का सामना करना पड़ रहा है और उन्हीं का दर्द बांटने के लिए तेजस्वी यादव नंदन गांव पहुंचे थे। दिलचस्प बात यह रही कि तेजस्वी जब नंदन गांव पहुंचे, तो वहां के लोगों ने उनका स्वागत फूल बरसा कर किया। आरजेडी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर तेजस्वी की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि नंदन गांव में जो मुख्यमंत्री पर पत्थर बरस रहे थे, वहीं तेजस्वी पर फूल बरस रहे हैं। मगर तेजस्वी पर फूल क्या बरसे कि जदयू तिलमिला गई। उसने कहा कि भाड़े के लोगों से अपने ऊपर फूल बरसवाकर तेजस्वी ने ग्रीन कारपेट पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है। पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि तेजस्वी की राजनीति का असली चेहरा सामने आ चुका है, क्योंकि वह नंदन गांव गए थे, वहां के महादलित परिवारों को सांत्वना देने, मगर वहां उन्होंने भाड़े के लोगों से अपने ऊपर फूल बरसवाए। संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी को वैसे भी बिहार की जनता अनुकंपा नेता के तौर पर ही देखती है। तेजस्वी राजनीति में अनैतिकता के रोल मॉडल बन चुके हैं। वह अपनी बेनामी संपत्ति को बचाने के लिए रोज प्रपंच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू परिवार के सामाजिक न्याय के ढकोसले से जनता ऊब चुकी है और वह अब हिसाब चाहती है कि आखिर लालू परिवार ने अकूत संपत्ति कैसे जमा की?