मुंबई,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा था कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने चाहिए। इस बयान के एक दिन बाद ही एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने की वकालत नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी यहां एक गोष्ठी में कर दी। इनका मानना है कि ऐसा करने से समय और पैसा दोनों ही बचेगा।
देश में एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर काफी दिनों से बहस चल रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर दे चुके हैं। ऐसे में महज एक दिन बाद ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी शनिवार को मुंबई में आयोजित एक गोष्ठी में इस विचार का समर्थन कर दिया है। रामभाउ महाल्गी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर दो दिवसीय गोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए राजीव कुमार ने कहा कि एक ही समय पर चुनाव कराने से बहुत सारा धन बचाया जा सकता है, जिसे विकास के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव कराने के लिए बहुत पैसा और समय खर्च किया जाता है और अगर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ नीति को स्वीकार कर लिया जाए तो देश समय के साथ ही बहुत सारा पैसा बचा सकता है और उसे विकास और अवसंरचना परियोजनाओं पर लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा सांसद के चुनाव में खर्च सीमा 70 लाख रुपए है, लेकिन प्रत्याशियों द्वारा 50-50 करोड़ रुपए तक खर्च कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपए खर्च करके विधायक बनने का सपना देखने वाले उम्मीदवार को 20 करोड़ रुपए का बजट रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली की सबसे बड़ी चिंता का विषय है। नीति आयोग के अध्यक्ष ने खुले मंच से समय और पैसे की फिजूलखर्ची से देश को बचाने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव की वकालत की।