भोपाल,80 करोड़ रुपए की गड़बड़ी के आरोप में भोपाल सीबीआई ने अलग-अलग 22 एफआईआर दर्ज की हैं। ये कार्रवाई पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की भोपाल और उज्जैन शाखा में पदस्थ कर्मचारियों के खिलाफ की गई है। केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की सौ सदस्यीय टीमों ने मप्र, हरियाणा, दिल्ली, उप्र, महाराष्ट्र और पंजाब समेत 47 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की। बताया जा रहा है। इन स्थानों से सैकड़ों दस्तावेज जब्त किए गए हैं। सीबीआई द्वारा की गई जानकारी के मुताबिक भोपाल और उज्जैन की चार शाखाओं में करीब 80 करोड़ की गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। आरोप बैंक अफसरों व अन्य कर्मचारियों पर था। दरअसल, फर्जी तरीके से निजी फर्म के कोयला व्यापारियों को लोन देने की बात सामने आ रही थी। ये लोन वर्ष 2011 से वर्ष 2016 के बीच दिए गए। इसके लिए कोई सिक्योरिटी चेक भी नहीं लिए गए थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि लोन की रकम से सिक्योरिटी के रूप में लगाई गई संपत्ति की कीमत भी काफी कम आंकी गई थी। फर्म अचानक बंद कर दी गईं और लोन की रकम नहीं लौटाई गई। इस कारण से पीएनबी बैंक की चार शाखाओं को 80 करोड़ रुपए का नुकसान होना बताया जा रहा है। जांच एजेंसी द्वारा मारे गये छापों के दौरान बरामद दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। वहीं सीबीआई की कार्यवाही से आरोपियों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान सीबीआई जल्द ही आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए उनकी गिरफ्तारी शुरू कर सकती है। वहीं आगे की जांच में अन्य आरोपियों के नाम भी उजागर हो सकते हैं।
पूरा मामला समझें
देश की राष्ट्रीयक्रत बैंक पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों ने उज्जैन जिले के एक कोयला व्यापारी के साथ मिलकर करीब 80 करोड़ रुपए का घोटाला किया। मामले को लेकर सीबीआई ने देश भर में कुल 47 स्थानों पर छापे मारी की। जहां सीबीआई द्वारा छापे मारे गए उनमें प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन और विदिशा जिला भी शामिल है। बैंक के अधिकारियों सहित कोयला व्यापारी और उसके रिश्तेदारों-मित्रों के ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने कार्रवाई की। लोन स्वीकृति और वितरण के अलावा क्रेडिट लिमिट में भी गड़बड़ी करने की शिकायत सीबीआई को मिली थी । मामला 2011 से 2016 के बीच का है। 47 ठिकानों में बैंक की 4 ब्रांच भी शामिल है।सीबीआई सूत्रों के मुताबिक मामले में शुक्रवार सुबह देशभर में एकसाथ कार्रवाई की। इसमें करीब 350 सीबीआई अफसरों की दर्जनों टीमों ने कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश सहित उत्तरप्रदेश, हरियणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र में 47 ठिकानों पर छापे मारे।
मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, उज्जैन और विदिशा में छापे मारी की गई। भोपाल में अरेरा कॉलोनी, महाराणा प्रताप नगर, गणेश नगर जैसे स्थानों पर छापे मारे गए। देरशाम तक यह छापे मारी चलती रही। मामले में सूत्रों की माने तो उज्जैन के कोयला व्यापारी नरेंद्र प्रजापति ने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर ऋण लिए थे। प्रजापति ने एक नहीं बल्कि अपने रिश्तेदारों, मित्रों के नाम से कई ऋण लिए। जिन संपत्तियों के आधार पर नरेंद्र प्रजापति ने ऋण लिए उन संपत्तियों की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताई। इस तरह ऋण लेने के बाद उसने किसी का भी भुगतान नहीं किया। पंजाब नेशनल बैंक ने ऋण की वसूली नहीं होने पर जब उसकी संपत्तियों की नीलामी शुरू की तो असलियत सामने आई। संपत्तियों की कीमत जो बैंक में बताई गई थी, उससे कई गुना कम कीमत बाजार में थी।