संपत्तिया उइके की सीट पर कांग्रेस की जीत,धार में भी हार गई भाजपा

मंडला/धार,मध्य प्रदेश के मंडला जिले में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा की संपत्तिया उइके के राज्यसभा सांसद चुने जाने की वजह से यह सीट खाली हुई थी। जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 14 के चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्यारी बाई गोठरिया ने भाजपा समर्थित उम्मीदवार को 32 सौ से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी। भाजपा के लिए यह चुनाव काफी प्रतिष्ठा का था। पिछले साल संपतिया उइके के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के लिए यह चुनाव इसलिए भी झटका है, क्योंकि जिलाध्यक्ष रतन सिंह ठाकुर का यह गृह क्षेत्र है। यहां प्रचार के लिए स्थानीय सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी प्रचार के लिए पहुंचे थे। बावजूद इसके मतदाताओं ने कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में मतदान कर उसे भारी जीत दिलवा दी। 17 जनवरी को हुए मतदान के दिन भी यहां का चुनाव मतदाताओं के बहिष्कार की वजह से सुर्खियां बना था। परमाणु सयंत्र परियोजना की वजह से चुटका और टाटीघाट के ग्रामीणों ने मतदान नहीं करने का एलान किया था। यहां केवल एक मतदाता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। पटेहरा और कोंडा गांव में भी मतदाताओं में काफी आक्रोश था। उन्हें मनाने के लिए पहुंची सांसद संपतिया उइके को भी विरोध का सामना करना पड़ा था।

मध्य प्रदेश की अयोध्या में भाजपा धराशाही
धार,भोजशाला विवाद के चलते मध्य प्रदेश की ‘अयोध्या’ के तौर पर पहचाने जाने वाले धार शहर में भाजपा हार गई है। यहां के चुनाव में कांग्रेस के पर्वत सिंह चौहान ने भाजपा के अनिल जैन को 440 वोटों से हरा दिया है। बता दें कि भाजपा ने भोजशाला आंदोलन से जुड़े अशोक कुमार को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया था। उन्हें 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। उस वक्त तो वह केवल विरोध जताकर चुप हो गए थे, लेकिन इस बार पार्टी की नजरअंदाजी के चलते अशोक ने बागी होकर चुनाव लड़ा।
भाजपा ने यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की जिद के चलते अनिल जैन को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी, लेकिन 440 वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के बागी नेता अशोक कुमार को साढ़े आठ हजार से ज्यादा वोट मिले। यही वोट भाजपा की हार की वजह बने। प्रदेश के नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव और उपचुनाव में भाजपा पुराने चुनावों जैसी सफलता दोहराने में नाकाम रही है। दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र राघौगढ़ के अलावा धार और बड़वानी में भी कांग्रेस को खासी सफलता मिली है। नौ निकायों में बीजेपी, जबकि आठ में कांग्रेस और एक निकाय में निर्दलीय ने जीत हासिल की है।

जूतों की माला से विरोध लेकिन जीत गए चुनाव
धार जिले में चुनाव प्रचार के दौरान एक मतदाता द्वारा जूतों की माला पहनाए जाने वाले भाजपा प्रत्याशी दिनेश शर्मा ने नतीजों में परचम लहरा दिया है। उन्होंने नगर परिषद अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। दिनेश शर्मा चुनाव प्रचार के दौरान नाराज बुजुर्ग मतदाता के जूते की माल पहनाए जाने के बाद वायरल हुए वीडियो की वजह से पूरे देश में सुर्खियों में छा गए थे। हालांकि, चुनाव नतीजों में धामोद के मतदाताओं ने उन्हें जीत की सौगात दी है। उन्होंने चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शोभाराम पाटीदार को 1,333 वोटों से हरा दिया। उन्हें 6671 वोट मिले, जबकि पाटीदार के खाते में 5,338 वोट आए। कांग्रेस उम्मीदवार 3,416 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर रहा।

हाथी ने बिगाड़ा कमल का खेल
भिंड,मध्य प्रदेश के भिंड में नगर निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अपना परचम लहरा दिया है। यहां के चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भिंड जिले के अकोड़ा नगर परिषद के लिए हुए खाली कुर्सी भरी कुर्सी के चुनाव मे भरी कुर्सी 676 वोट के अंतर से विजय हुई है। यह चुनाव अध्यक्ष संगीता सुदीप यादव के कुर्सी पर बने रहने या हटने के लिए हुआ था। बीएसपी के खाते की इस कुर्सी पर बीजेपी ने कब्जा जमाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाकर अध्यक्ष संगीता सुदीप यादव की कुर्सी छीनने का प्रयास किया था, लेकिन बीजेपी यहां विफल साबित हुई। 8900 मतदाताओं में से 5254 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। शनिवार को हुई मतगणना मे 2965 वोट भरी कुर्सी के पक्ष मे निकले, जबकि खाली कुर्सी के पक्ष मे महज 2289 वोट ही पड़े। इस तरह 676 वोट से भरी कुर्सी के पक्ष में यह चुनाव रहा। अब संगीता सुदीप यादव अध्यक्ष की कुर्सी पर बनी रहेंगी। अपने पसंदीदा अध्यक्ष के चुनाव जीतने की खबर पाते ही समर्थकों ने जमकर जीत का जश्न मनाया।

 

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