न्यायिक क्षेत्र में कम्प्यूटरीकरण और डिजीटाइजेशन आश्चर्यजनक परियोजना

लखनऊ,उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति मदन वी. लोकुर ने आज उच्च न्यायालयों के कम्प्यूटर कमेटीज के प्रथम सम्मेलन का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन 24 उच्च न्यायालयों के कम्प्यूटराइजेशन और डिजीटाइजेशन और न्यायालय के अभिलेखों के लिए एक समान मंच उपलब्ध कराने की दिशा में कारगर सिद्ध होगा। इसके साथ ही 24 न्यायालयों के जजों और विधि अधिकारियों को एक साथ जोड़ने में सफल होगा। उन्होंने कम्प्यूटरीकरण में लगी हुई न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की अध्यक्षता में कार्य कर रही उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि उच्च न्यायालयों से संबंधित कम्प्यूटरीकरण एवं डिजीटाइजेशन का यह कार्य एक अत्यन्त आश्चर्यजनक परियोजना है।
प्रदेश के न्याय व अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उ0प्र0 पहला राज्य है, जहाँ ई-कोर्ट की शुरूवात हुई है। ई-कोर्ट की डिवीजन बेन्च का शुभारम्भ किया जा रहा है, जिससे आम जन को त्वरित व सुलभ न्याय मिल सकेगा। ई-कोर्ट पर्यावरण के लिए अनुकूल है। ई-फाइलिंग के द्वारा त्वरित न्याय देने के लिए वादकारियों व याचियों को फीस की सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 सरकार कम्प्यूटरीकरण एवं डिजीटाइजेशन प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेंगी।अध्यक्ष ई-कमेटी उच्च न्यायालय इलाहाबाद, न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता इस सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आयोजन का विचार मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोसले का है। इस सम्मेलन का उद्देश्य कम्प्यूटरीकरण तथा डिजिटीकरण के कार्य में लगे हुए 24 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं न्यायिक अधिकारियों को एक मंच पर लाना है। यह सम्मेलन न्यायमूर्ति और न्यायिक अधिकारियों को न्याय प्रदान करने की व्यवस्था को प्रभावी और कुशल बनाने में सहयोगी होगी।

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