नई दिल्ली,संसदीय सचिव नियुक्त किए 20 ‘आप’ विधायकों के मामले के साथ ही रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष पदों पर नियुक्त 27 ‘आप’ विधायकों का मामला भी चुनाव आयोग में विचाराधीन है। इस पर भी जल्द फैसला आ सकता है। हालांकि, इन 27 में से 10 विधायक संसदीय सचिव बनाए जाने वाले मामले में भी शामिल हैं। इस तरह 17 विधायक रोगी कल्याण समित मामले में फंसे हैं। अगर दोनों मामलों में विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो विधानसभा में ‘आप’ के 29 सदस्य ही बचेंगे, जबकि बहुमत के लिए 36 सदस्य जरूरी हैं। शिकायतकर्ता विभोर आनंद का कहना है कि सभी 27 विधायक समिति अध्यक्ष होने के नाते लाभ के पद के दायरे में आते हैं। इस वजह से इनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समिति में पहले कोई भी विधायक केवल सदस्य के तौर पर शामिल किया जाता था। मगर, सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर विधायकों को अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया।
– लाभ के पद दायरे में आती हैं ये नियुक्तियां
दिल्ली विधानसभा के पूर्व सचिव एसके शर्मा का कहना है कि दिल्ली विधानसभा सदस्यता (अयोग्यता) निवारण विधेयक-1997 के मुताबिक, सरकार में 13 पद ऐसे हैं जो लाभ के पद से बाहर रखे गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री का संसदीय सचिव, जिला विकास समितियों के अध्यक्ष व ट्रांस यमुना डेवलपमेंट बोर्ड आदि शामिल हैं। इस विधेयक में रोगी कल्याण केंद्र या समितियों का जिक्र नहीं है। विधायकों को भले ही वेतन न मिले, मगर दूसरी सुविधाएं जैसे पानी-बिजली का खर्च आदि मिलता है।
– ये वो 27 विधायक
1. शिव चरण गोयल (मोती नगर) 2. जरनैल सिंह (तिलक नगर) 3. अलका लांबा (चांदनी चौक) 4. कैलाश गहलोत (नजफगढ़) 5. अनिल कुमार वाजपेयी (गांधी नगर) 6. राजेश गुप्ता (वजीरपुर) 7. नरेश यादव (महरौली) 8. राजेश ऋषि (जनकपुरी) 9. मदन लाल (कस्तूरबा नगर) 10. शरद चौहान (नरेला) 11. बन्दना कुमारी (शालीमार बाग) 12. अजेश यादव (बादली) 13. जगदीप सिंह (हरी नगर) 14. एस के बग्गा (कृष्णा नगर) 15. जीतेन्द्र सिंह तोमर (त्री नगर) 16. राम निवास गोयल (शाहदरा) 17. विशेष रवि (करोलबाग) 18. नितिन त्यागी (लक्ष्मीनगर) 19. वेद प्रकाश (बवाना) 20. सोमनाथ भारती (मालवीय नगर) 21. पंकज पुष्कर (तिमारपुर) 22. राजेंद्र पाल गौतम (सीमापुरी) 23. हजारी लाल चौहान (पटेल नगर ) 24. राखी बिड़लान (मंगोलपुरी) 25. मोहम्मद इशराक (सीलमपुर) 26. कमांडो सुरेंद्र (दिल्ली कैंट) 27. महेंद्र गोयल (रिठाला)