लंदन, अपनी नाक और मुंह बंद करके छींक को जबरन रोकने का प्रयास करना घातक हो सकता है। डॉक्टरों ने चेताया है कि एक व्यक्ति हाल में छींक रोकने का करतब दिखाने का प्रयास करते हुए घायल हो गया। छींक को रोकने का प्रयास करने पर इस युवक के गले में झनझनाहट पैदा हो गई और फिर उसका गला सूज गया। छींक रोकने के थोड़ी देर बाद उस युवक ने कोई चीज निगलने में दर्द महसूस किया और फिर उसकी आवाज चली गई। ब्रिटेन के लीसेस्टर यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। सात दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसकी दिक्कतें कम हुईं और उसे छुट्टी दी गई। डॉक्टरों की मानें तो नाक और मुंह बंद करके छींक को रोकना खतरनाक करतब है और इससे बचना चाहिए। दरअसल, जब हम छींकते हैं तो 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा हमारे शरीर से बाहर आती है। अगर आप हवा के इस प्रेशर को रोकने की कोशिश करते हैं तो छींक के साथ निकलने वाली हवा आपके शरीर में ही फंसी रह जाएगी और इससे आपके शरीर को काफी नुकसान होगा। जब छींक रोकने वाले मरीज की डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि उसकी गर्दन में चटकाहट की आवाज हुई जो उस युवक के रिब केज यानी पंजरे तक गई। यह इस बात का सबूत था कि छींक के दौरान रोके गए हवा के बुलबुले उस युवक की छाती तक पहुंच गए थे। ऐसे में युवक को इंफेक्शन से बचाने के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कर उसका इलाज किया गया। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस हेल्थ साइंस सेंटर के हेड ऐंड नेक सर्जन डॉ जी यांग जियांग कहते है कि यह विचित्र लेकिन सत्य है कि एक छींक आपके शरीर को शारीरिक रूप से इतना नुकसान पहुंचा सकती है जितना गर्दन में गोली लगने पर हुआ जख्म। इतना ही नहीं अगर, छींक को जबरन रोकने की कोशिश की जाए तो आपके फेफड़े पूरी तरह से ध्वस्त हो सकते हैं। शरीर में छींक आने का मकसद होता है कि किसी तरह के वायरस या बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालना।