नई दिल्ली,चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी को राहत देने से इनकार कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधायकों को फटकार लगाते हुए पूछा कि जब चुनाव आयोग ने आपको बुलाया था तो आप गए क्यों नहीं। आप अपनी मर्जी से तय करते हैं चुनाव आयोग जाना है या नहीं। हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के सामने आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों ने याचिका दायर की जिस पर कोर्ट ने आज ही सुनवाई करने का फैसला किया। दरअसल आम आदमी पार्टी सरकार ने साल 2015 में अपने 21 विधायकों को विधायक रहते हुए संसदीय सचिव का कार्यभार भी दे रखा था। इसी के खिलाफ प्रशांत पटेल नाम के वकील ने राष्ट्रपति के पास शिकायत दी और मांग की कि इन 21 विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए। इस मामले में लंबी कार्रवाई चली और आज चुनाव आयोग ने अपना फैसला ले लिया है और अंतिम कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेज दी है।