जबलपुर,सेवानिवृत्त् आईएएस अजिता बाजपेई को लोकायुक्त की विशेष अदालत से क्लीन चिट मिल गई है। अदालत ने अजिता को सभी आरोपो से बरी कर दिया है। अजिता पर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल में मीटर ख़रीदी में घोटाले का आरोप लगा था, जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।अजिता बाजपेयी मीटर खरीदी की अवधि में मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल में वित्त सदस्य और फायनेंस कमेटी की चेयरपर्सन थीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसर वर्ष 1998 और 2003 में तत्कालीन आईएएस अजिता बाजपेई पांडे सहित सभी अधिकारियों पर बिजली के मीटर को ऊंची दर पर खरीदी कर विद्युत मंडल को लगभग साढ़े छह करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप था। इस मामले की शिकायत वर्ष 2004 में लोकायुक्त को की गई। लोकायुक्त ने अनियमितता पाए जाने पर अजिता वाजपेई सहित सभी अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। इसके उपरांत वर्ष 2007 को इस मामले में एक और आरोप पत्र पूर्व राज्य बिजली बोर्ड के अध्यक्ष एसके दासगुप्ता, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अजिता वाजपेयी पांडे और चार अन्य लोगों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद मामला ट्रायल में अटक गया था। फिर वर्ष 2014 को हाइकोर्ट ने अजिता की याचिका खारिज करते हुए स्थगन वापस ले लिया था। इसके साथ ही इस घोटाले में अन्य आरोपियों को विशेष न्यायालय वर्ष 2012 में सजा दे चुका था। हाईकोर्ट से स्थगन प्राप्त होने के कारण महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया जा सकता था। लेकिन इस मामले में लोकायुक्त की विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए आईएएस अजिता वाजपेई पांडे को निर्दोष करार दिया।