कोर्ट तक पहुंच जाता पत्र तो नहीं होता तोगड़िया वाला ड्रामा

जयपुर,इस सप्ताह राजस्थान पुलिस विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया को एक ऐसे मामले में गिरफ्तार करने पहुंच गई थी जो तकनीकी रूप से अब उन पर चल ही नहीं रहा। टेक्निकली डेड हो चुके इस मामले के कारण तोगड़िया से जुड़े विवाद की शुरुआत हुई। राजस्थान सरकार तीन साल पहले ही तोगड़िया के खिलाफ इस मामले को वापस ले चुकी थी और इस मामले में जिला प्रशासन को पत्र भी लिख चुकी थी। हालांकि प्रशासनिक गलती से वह पत्र कोर्ट तक नहीं पहुंच पाया। ‎जिसके कारण कोर्ट में मामले की सुनवाई चलती रही और समन जारी होते रहे। प्रशासन ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली है और अब कोर्ट को सूचना देने की बात कही जा रही है। तोगड़िया से जुड़ा यह पूरा ड्रामा एक पत्र के कोर्ट नहीं पहुंच पाने का परिणाम है। तोगड़िया के आरोपों के बाद राजस्थान के अधिकारियों ने इस मामले की जांच की तो सामने आया कि पुलिस एक डेड केस के पीछे पड़ी थी। दरअसल तोगड़िया समेत 16 लोगों के खिलाफ 2002 में सवाई माधोपुर पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था। यह मामला गंगापुर शहरी इलाके में धारा 144 तोड़ने का था।

 

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