कहीं पुरानी मुद्रा बदलवाने में आरबीआई का स्टाफ ही तो नहीं है शामिल!

कानपुर,महानगर में भारी संख्या में करीब सवा साल पहले बंद हो चुके हजार और पांच सौ के पुराने नोट बरामद होने के बाद पुलिस डेढ़ दर्जन लोगों की गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन वह अब तक यह साबित नहीं कर सकी है कि आखिर करीब 97 करोड़ की यह पुरानी मुद्रा किस मकसद से रखी गयी थी। चर्चा है कि नोटबंदी के बाद अब तक केन्द्र सरकार को वापस जमा हुई पुरानी मुद्रा का ब्यौरा नहीं देने वाला रिजर्व बैंक आफ इण्डिया यानि आरबीआई में एक रैकेट सक्रिय है जो एक सौ के बदले 30 देकर बड़ा खेल कर रहा है। उधर, कानपुर पुलिस भी अब इसी दिषा में तहकीकात करने में जुट गयी है। वहीं आयकर विभाग भी मामले की जांच में जुटी है। विभाग ने कई टीमें गठित कर प्रमुख अभियुक्त बिल्डर आनंद खत्री और उसके नातेदारों के संस्थानों की जानकारी जुटाने में जुटा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि आरबीआई की कानपुर शाखा की इस प्रकरण में संभावित भूमिका को लेकर जांच हो रही है। आरबीआई के स्टाफ के इस प्रकरण में शामिल होने की आशंका के मददेनजर यह जांच की जा रही है। फिलहाल उनका यह भी कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसे कोई साक्ष्य अब तक नहीं मिले हैं। उधर आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस बात का पता लगाया जा रहा है कि आनंद खत्री के पास इतना धन कहां से आया। यह जानकारी भी जुटायी जा रही है कि काले धन की स्वैच्छिक घोषणा संबंधी सरकारी योजना के तहत इन लोगों ने कितनी रकम घोषित की थी। आशंका है कि योजना के तहत खत्री और उनके नातेदारों ने स्वेच्छा से गलत घोषणा की है। उनके पास और अधिक मात्रा में काला धन है।
मीणा ने बताया कि काले धन के कोलकाता से हैदराबाद रूट को लेकर जांच कर रही है क्योंकि हैदराबाद में अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की संख्या अधिक है। ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है कि कौन-कौन से एनआरआई के खत्री और उसके परिवार वालों से संपर्क थे। पुलिस के मुताबिक दो रूट से काले धन का कारोबार होता था। पहला रूट लखनऊ से कानपुर और वाराणसी होते हुए दिल्ली से हैदराबाद का था जबकि दूसरा रूट कोलकाता से हैदराबाद का था। पुलिस ने बताया कि अन्य बैंकों के स्टाफ के भी इस गोरखधंधे में शामिल होने के नजरिये से जांच हो रही है। इस मामले के संभावित नेपाल कनेक्शन को लेकर भी जांच हो रही है। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने कल लगभग 97 करोड रूपये के पुराने करेंसी नोट शहर के एक बडे बिल्डर के घर से बरामद किये थे। इस मामले में बिल्डर सहित 16 लोगों को गिरफतार किया गया।

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