अलीगढ़,मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान विभाग का सीसीटीवी फुटेज शोध छात्र मन्नान बशीर वानी के व्यवहार एवं गतिविधियों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि यह इस बात पर निर्भर है कि विभाग में मौजूद सीसीटीवी फुटेज का खुफिया विभाग एवं एएमयू के अधिकारी कितना लाभ ले पाते हैं। विश्वविद्यालय का यह इकलौता विभाग है, जिसके प्रवेश द्वार से लेकर क्लास रूम तक पर कैमरे की नजर है।
विभाग के शोध छात्र मन्नान बशीर वानी के प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने की खबर के बाद एएमयू में भूचाल की स्थिति है। एएमयू वीसी द्वारा एक दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। प्रॉक्टर आफिस एवं विभाग द्वारा भी इस मामले की जांच कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर की खुफिया एजेंसियां इस जांच में जुटी है। जांच से जुटे अधिकारी विभाग में मौजूद सीसीटीवी फुटेज का लाभ उठा रहे हैं या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। यूनिवर्सिटी के बहुत लोगों को मालूम भी नहीं है कि विभाग में 12 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। प्रवेश द्वार से लेकर क्लास रूम तक कैमरे की निगाह में हैं। सूत्रों की मानें तो सीसीटीवी फुटेज का रिकार्ड करीब एक महीने तक सुरक्षित रहता है। इस हिसाब से देखें तो मन्नान से संबंधित बहुत सी जानकारी इसके माध्यम से मिल सकती हैं। 2 जनवरी 2018 तक मन्नान कैंपस में देखा गया था। उल्लेखनीय है कि डेढ़-दो साल पहले विभाग के तत्कालीन चेयरमैन प्रो. लियाकत अली राव ने निजी खर्चे से 12 सीसीटीवी लगवाए थे। विभाग में प्रवेश करने वाला हर शख्स कैमरे की निगरानी में रहता है। क्लास रूम में पढ़ाई हो रही है या नहीं, इसका पता भी आसानी से लगाया जा सकता है। विभाग का चप्पा-चप्पा इसके दायरे में है।
हबीब हॉल के CCTV फुटेज मन्नान की जांच में अहम हो सकते हैं
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