भोपाल,प्रदेश का नाम देश भर में बदनाम करने वाले व्यापम महाघोटाले की जांच को लेकर शुरू से ही सवालिया निशान लगते रहे हैं। पहले एसटीएफ और अब सीबीआई द्वारा की जा रही जांच के दौरान भी इन सवालों का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में व्यापम महाघोटाले का मुद्दा वर्ष 2009 में ही सदन में उठाकर जांच की मांग करने वाले पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने एक बार फिर जांच पर सवाल उठाते हुए कई सवाल उठाये हैं। सकलेचा का कहना है कि व्यापम घोटाले में एसटीएफ को करीब 1350 शिकायतें मिलीं थीं तब सब शिकायतों को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया। और सीबीआई सिर्फ एसटीएफ के दर्ज मामलों पर ही जांच क्यों कर रही है। जबिक जांच के दौरान होने वाले खुलासे पर उसे अन्य बिंदुओं की भी छानबीन करनी चाहिए। पूर्व विधायक ने आगे कहा कि सीबीआई ने एसटीएफ द्वारा बनाये गये आरोपियों की संख्या क्यों घटाई और उन सभी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ढाई साल से जारी सीबीआई की जांच धीमी गति से क्यों चल रही है। इससे यह लगता है कि आरोपियों को बचने का मौका दिया जा रहा है। पारस सकलेचा का कहना है कि वर्ष 2009 में सदन में उन्होंने इस घोटाले की जांच की मांग की थी, जिसकी छानबीन के बाद महाघोटाले की परतें खुलने लगी हैं लेकिन इसमें बड़े रसूखदारों को छोड़ा जा रहा है। सकलेचा की जांच एजेंसी की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि घोटाले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती और प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य रसूखदारों के बयान अभी तक जांच एजेंसी द्वारा क्यों नहीं लिये गये और इस घोटाले में उमा भारती सहित अन्य बड़े रसूखदारों के नाम घोटाले में कैसे आये इस बारे में भी कोईस्थिति अभी तक साफ नहीं की जा सकी है। पूर्व विधायक ने अगला सवाल उठाते हुए कहा कि एक्सल शीट में मिनिस्टर1,2,3 और 4 का जिक्र है। जबकि घोटाले के आरोपी एक मिनिस्टर को बनाया गया है. बाकी के तीन मंत्री कौन हैं। पारस सकलेचा ने यह भी सवाल उठाया कि घोटाले में जिन उम्मीदवारों के अभिभावकों को आरोपी बनाया गया है। उनका क्या होगा। और व्यापम में जिन लोगों की मौतें हुई उनकी जांच का क्या हुआ। पूर्व विधायक पारस सकलेचा का आरोपात्मक अंदाज में आशंका जताते हुए यह भी कहना है कि पूरे महाघोटाले में एसटीएफ और सीबीआई अपनी कार्यवाही नहीं बताती, इसे लेकर उन्होंने मांग की है कि जांच के सारे दस्तावेज सार्वजनिक होने चाहिए वरना रसूखदार आखिर में छूट जाएंगे।