अहमदाबाद,राजस्थान से मेरे एनकाउंट के लिए पुलिसवालों को भेजे जाने की साजिश रची गई थी जिससे बचने के लिए खुद ही अपने आप को गायब किया था। यह कहना हैं विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया का। तोगड़िया ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मेरी आवाज को दबाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो पर भी लोगों को धमकाने के आरोप लगाया हैं। 11-12 घंटे तक लापता रहने के बाद बेहोशी की हालत में मिले वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को मीडिया के सामने रोते हुए यह स्वीकार किया कि उन्होंने राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद ही अपने आप को गायब किया था। इसके साथ ही तोगड़िया ने आरोप लगाया कि उनका एनकाउंटर करने की साजिश रची जा रही है।
बता दें कि वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया सोमवार को बेहोशी की हालत में अहमदाबाद के एक पार्क में मिले थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तोगड़िया सुबह उस समय से लापता थे जब उन्हें एक पुराने मामले में गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान पुलिस का एक दल यहां आया था। दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के बयान के अनुसार, शरीर में शर्करा का स्तर कम होने की समस्या से ग्रस्त तोगड़िया शाहीबाग इलाके के एक पार्क में बेहोश मिले और उन्हें चंद्रमणि अस्पताल ले जाया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि वह डरे नहीं है, बल्कि उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है। हालांकि उनका इशारा किस तरफ है, इसको लेकर उन्होंने कुछ स्पष्ट तौर कहा नहीं। बल्कि यह जरूर कहा कि वक्त आने पर सबूतों के साथ वह एक बार फिर सामने आएंगे। तोगड़िया ने भावुक होते हुए बताया, मैं परसों मुंबई के कार्यक्रम में था। रात में मैं लौटा और पुलिस को कहा कि 2.30 बजे आओ। सुबह मैं पूजा पाठ कर रहा था। तभी एक व्यक्ति मेरे कमरे में आया और बोला कि तुरंत कार्यालय छोड़ दो आपका एनकाउंटर करने के लिए लोग निकले हैं। मुझे लगा कि कुछ दुर्घटना हुई तो मुझे जो होगा सो होगा, लेकिन पूरे देश में बुरी परिस्थिति खड़ी होगी। मैं बाहर निकला और पुलिस को कहा कि मैं भाग नहीं रहा हूं। मैंने ऑटो रिक्शा लिया और रास्ते में राजस्थान के गृह मंत्री से संपर्क किया। इसके बाद मैंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया, ताकि मेरी स्थिति का पता न चले। मेरी जानकारी में मेरे खिलाफ राजस्थान में कोई केस नहीं था। पता चला कि वे मुझे गिरफ्तार करने आए हैं। मुझे कहा गया कि आप कोर्ट के सामने आ जाइये। अगर मैं राजस्थान पुलिस की पकड़ में आता तो मेरे खिलाफ लंबे समय से षड्यंत्र किया जा रहा है।
तोगड़िया बोले कि इस तरह के कई और मामले अलग-अलग राज्यों में निकाले जा रहे हैं और मुझे एक जेल से दूसरी जेल में ले जाने की साजिश है ताकि में हिंदुत्व की बात ना कर सकूं। तोगड़िया ने यह भी कहा कि मैंने कोई अनैतिक काम नहीं किया है। मैं कानून का पालन करूंगा। मेरा जीवन रहे या न रहे, मैं राम मंदिर गोरक्षा के लिए अकेला लड़ना पड़े तो लड़ता रहूंगा। यह भी कहा कि न्यायालय में आत्मसमर्पण करके न्यायपत्र का आदर करूंगा। वहीं यह आरोप भी लगाया कि मेरी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है। मैं हिंदुओं के लिए काम करता रहा हूं और करता रहूंगा। मुझे डराने का प्रयास किया जा रहा है। मेरी संपत्ति के नाम पर किताबों और भगवान के आसन के अलावा कुछ नहीं है। हालांकि कौन उन्हें डराने का प्रयास कर रहा है, इसको लेकर उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा। मीडिया द्वारा इस बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने बस इतना कहा कि वक्त आने पर सबूतों के साथ एक बार फिर सामने आऊंगा।
वहीं वीएचपी के प्रवक्ता जय शाह ने बताया कि देर रात कोई अज्ञात व्यक्ति उन्हें 108 एंबुलेंस में अस्पताल में छोड़कर गया। इससे अधिक हमें भी कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में पुलिस व अस्पताल प्रशासन भी कुछ कहने से बच रहे हैं। वैसे वीएचपी तोगडि़या के लापता होने का सुबह से ही दावा कर रही थी। उसका कहना था कि पुलिस ने तोगडि़या को हिरासत में लिया है, लेकिन अब वह इससे इन्कार कर रही है। गौरतलब है कि दिन में ही राजस्थान और गुजरात पुलिस उन्हें प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना के एक मामले में गिरफ्तार करने पहुंची थी। पुलिस के अनुसार, तब वह घर पर नहीं मिले थे और उसे खाली हाथ लौटना पड़ा था। इसे लेकर उनके खिलाफ सोला थाने में मामला भी दर्ज किया गया। तोगड़िया के खिलाफ मामला राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर से जुड़ा है, जहां दस साल पहले तोगडि़या ने प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे।
गिरफ्तारी से बचने रचा ड्रामा : पुलिस का दावा
वहीं वीएचपी नेता के लापता होने की बात पर पुलिस ने दावा किया है कि तोगड़िया ने राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद यह सारा ड्रामा रचा था। पुलिस ने उस शख्स का भी पता लगा लिया है जिसने 108 ऐम्बुलेंस को फोन किया था। वह शख्स तोगड़िया का ही परिचित है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जब तोगड़िया को पता चला कि राजस्थान पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आने वाली है तो वह वीएचपी ऑफिस से एक ऑटो में बैठकर रवाना हो गए। उनके साथ धीरू कपूरिया भी थे जो वीएचपी ऑफिस में ही काम करते हैं। ऑटो से तोगड़िया अपने एक करीबी दोस्त के यहां गए। वहां निकुल नाम का एक शख्स भी उनके साथ हो लिया। निकुल तोगड़िया के करीबी दोस्त का ड्राइवर है।
पुलिस ने बताया कि निकुल ने ही रात में कोटारपुर के पास 108 ऐम्बुलेंस को कॉल किया और स्टाफ से कहा कि वे तोगड़िया को सीधे चंद्रमणि अस्पताल ले जाएं। चंद्रमणि अस्पताल में तोगड़िया के करीबी दोस्त पहले से मौजूद थे। अस्पताल पहुंचते ही तोगड़िया को भर्ती कर लिया गया। पुलिस की थिअरी साफ इशारा कर रही है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए तोगड़िया दिनभर यहां वहां भागते रहे। राजस्थान पुलिस उनके घर भी गई, लेकिन वह पहले ही निकल चुके थे।