लखनऊ,संसदीय शिष्टाचार/प्रत्राचार क्रियान्वयन अनुभाग ने प्रदेश के समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, मण्डलायुक्तों, विभागाध्यक्षों, जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर प्रदेश के सांसदों एवं विधान मण्डल के सदस्यों द्वारा शासन एवं जनपद स्तर पर भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराये जाने व पूर्व में मुख्य सचिव द्वारा शासन, विभागाध्यक्ष तथा जिला स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने तथा प्रत्येक सरकारी कार्यालय में जन प्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर बनाये संबंधी निर्देशों का पालन न किये जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करें तथा की गयी कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
इस सम्बन्ध में विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन कौशलेन्द्र यादव ने 28 सितम्बर, 2012 को जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि शासन स्तर पर प्रत्येक शाखा में कम से कम संयुक्त सचिव स्तर के, विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष स्तर पर कम से कम संयुक्त निदेशक स्तर, जिला स्तर पर कम से कम उपजिलाधिकारी स्तर के तथा जनपद स्तर के पुलिस विभाग में उप पुलिस अधीक्षक स्तर के एक-एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किये जाने के निर्देश दिए गए थे, जो मा0 सांसदों ने विधान मण्डल के सदस्यों द्वारा प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही की लगातार माॅनीटरिंग अपने स्तर पर करते रहेंगे तथा इसके बारे में विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव तथा विभागाध्यक्षों, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को अवगत कराते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
विशेष सचिव ने 15 अक्टूबर, 2015 के पत्र का भी उल्लेख करते हुए कहा है कि मा0 सांसदों, विधान मण्डल सदस्यों एवं जनप्रतिनिधियों के पत्रों के संबंध में प्रत्येक सरकारी कार्यालय में जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर बनाये जाने के निर्देश दिए गये थे, जिसमें मा0 सांसद, विधान मण्डल सदस्यों के पत्रों को दर्ज किया जाए एवं समय से इनकी पावती भेजी जाए और कृत कार्यवाही से भी अवगत कराया जाए। इस संबंध में शासन स्तर से समय-समय पर मा0 सांसदों/विधान मण्डल के सदस्यों के पत्रों पर की गयी कार्यवाही के प्रभावी अनुश्रवण हेतु निर्धारित प्रारूप पर त्रैमासिक सूचना समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराये जाने के निर्देश पूर्व में दिए गये हैं।