नईदिल्ली,आंचल ठाकुर स्कीइंग में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी हैं।आंचल ने तुर्की में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्पर्धा में पदक जीतने वाली वह भारत की पहली खिलाड़ी बन गयी हैं। आंचल ने एल्पाइन एज्डेर 3200 कप में कांस्य पदक हासिल किया। एल्पाइन एज्डेर 3200 कप का आयोजन स्की अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन (एफआईएस)करता है। आंचल ने यह मेडल स्लालम (सर्पिलाकार रास्ते पर स्की दौड़) रेस कैटिगरी में जीता है।
इस बार यह टूर्नमेंट तुर्की में आयोजित हुआ था। तुर्की के पैलनडोकेन स्की सेंटर में आंचल ने भारत की ओर से इतिहास रचने के बाद खुशी जताई। आंचल ने कहा, ‘महीनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद आखिरकार मेहनत रंग लाई। मैंने यहां अच्छी शुरुआत की और शुरुआत में ही लीड बना ली, जिसकी बदौलत इस रेस को मैंने तीसरे स्थान पर खत्म किया।’ आंचल की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि विंटर स्पोर्ट्स को लेकर हमारे देश में कोई कल्चर नहीं है और न ही ऐसे स्पोर्ट्स के लिए संसाधन भी यहां उपलब्ध नहीं है। भारत के जो खिलाड़ी विंटर स्पोर्ट्स में हिस्सा भी लेते हैं, तो उन्हें इसके लिए देश के खेल मंत्रालय से कोई मदद नहीं मिलती।
आंचल के पिता और विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव रोशन ठाकुर ने आंचल की इस जीत पर कहा, ‘अब भारत में इस खेल के लिए यह शानदार मौका है और सभी को आंचल की इस उपलब्धि पर गर्व है।’ अपनी इस जीत को आंचल ने टि्वटर पर शेयर करते हुए लिखा, ‘आखिरकार कुछ ऐसा हो गया है, जिसकी उम्मीद नहीं थी। मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय पदक। हाल ही में तुर्की में खत्म हुए फेडरेशन इंटरनैशनल स्की रेस (एफआईएस) में मैंने शानदार प्रदर्शन किया।’
आंचल के पिता ने कहा कि उसने इस जीत के बाद मुझसे बात की और अपना पदक दिखाया। मैंने सोचा कि यह शायद पारितोषिक इनाम होगा, जो स्कीइंग में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है, लेकिन उसने मुझे बताया कि उसने कांस्य अपने नाम किया है। स्कीइंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज भारत का नाम रोशन करने वाली आंचल की इस उपलब्धि के पीछे उनके पिता और एफआईएस का बड़ा हाथ है। आंचल की ट्रेनिंग औऱ उसके टूर का सारा खर्च उन्होंने ही उठाया है। उनके पिता ने बताया कि उनकी बेटी को या स्कीइंग के दूसरे खिलाड़ियों को आज तक केंद्रीय खेल मंत्रालय से कोई मदद नहीं मिली है। खेल मंत्रालय में बैठे नौकरशाह स्कीइंग को खेल नहीं मानते हैं।
उन्होंने तीसरे स्थान पर रहकर न केवल भारत को पदक दिलाया है बल्कि 9 फरवरी, 2018 से दक्षिण कोरिया में आयोजित होने जा रहे शीतकालीन ओलिम्पिक के लिए भी क्वालीफाई होने की संभावना बढ़ गई है।
पीएम मोदी ने भी दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आंचल को देश के लिए पहला पदक जीतने पर बधाई दी है। आंचल को ट्विटर के जरिए दिए एक बधाई संदेश में उन्होंने कहा कि पूरा देश तुर्की में आयोजित एफआईएस अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता में आपकी ऐतिहासिक उपलब्धि से बहुत खुश हैं। भविष्य के लिए आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।
यूथ ओलिम्पिक में जौहर दिखा चुकी हैं आंचल
आंचल सहित हिमांशु ठाकुर और एलविन ठाकुर मनाली के 3 युवा खिलाड़ी दिसम्बर महीने से ऑस्ट्रिया की ढलानों में बर्फ के ऊपर स्कींइग के गुर सीख रहे थे। दक्षिण कोरिया के पियोगचंग की बर्फ से लदी ढलानों में सफलता प्राप्त करने को लेकर तीनों युवा खिलाड़ी कड़े प्रशिक्षण से गुजरे हैं। ऑस्ट्रिया में प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात तीनों खिलाड़ियों ने तुर्की के रेसिंग स्कूल से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। हिमांशु ठाकुर इससे पहले रूस में आयोजित शरद ओलिम्पिक खेलों में भारत का नेतृत्व कर चुके हैं। एलविन कंवर वर्ष 2017 में स्वीडन में आयोजित हुई शरद खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। आंचल यूथ ओलिम्पिक में अपनी प्रतिभा के जौहर दिखा चुकी हैं।