रायपुर,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि अफगानिस्तान से म्यांमार तक के लोगों का डीएनए एक है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह खासियत वहां के लोगों को भारत के लोगों से जोड़ती है।
आरएसएस सुप्रीमो ने कहा, ‘अफगानिस्तान से बर्मा तक और तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक, जितने जनसमूह रहते हैं, उतने जनसमूह का डीएनए यह बता रहा है कि उनके पूर्वज समान हैं। यह हम सबको जोड़ने वाली बात है। हम समान पूर्वजों के वंशज हैं।’
संघ प्रमुख ने इस दौरान कहा, ‘सताए गए हिंदू सारी दुनिया से भारत में आते हैं और भारत की सरकार भी कहती है कि ऐसे सताए हुए आने वालों को हम आश्रय देंगे, बाहर नहीं निकालेंगे, क्योंकि यह हिंदुओं का देश है। जब तक हिंदुस्तान में हिंदू समाज की संख्या प्रबल रही भारत एक रहा। पहले काबुल से परे अफगानिस्तान से बर्मा तक सारा इलाका हिंदुस्तान था। आज इतना छोटा इसलिए हो गया क्योंकि जहां पर हिंदुत्व की भावना क्षीण हो गई या हिंदू समाज का संख्या बल कम हो गया वो भारत से अलग हो गया।
ज्ञात रहे कि मोहन भागवत ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं। त्रिपुरा में हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘भारत का प्रयोजन दुनिया को सनमार्ग पर लाना है। लेकिन भारत ने अपना काम नहीं किया तो कौन जिम्मेदार होगा? भारत के भाग्य का विधाता कौन हैं? सारी दुनिया हिंदू समाज से पूछेगी। दुनिया कहेगी कि तुम हिंदू हो तुम भारतवर्ष में परंपरा से रहते आए हो, दुनिया में तुम्हारा अपना दूसरा देश नहीं है।’